Bihar Politics: बिहार में राजनीतिक हलचल लगातार बढ़ती जा रही है. बंगाल और पंजाब के बाद अब बिहार में भी इंडिया गठबंधन को करारा झटका लग सकता है. इसका इशारा नीतीश कुमार ने कर दिया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 30 जनवरी को ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पूर्णिया में होने वाली रैली में नहीं शामिल होंगे. इस खबर के सामने आने के बाद बिहार में सियासी पारा काफी ऊपर बढ़ गया है. अगर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 30 जनवरी को नीतीश का पटना में ही कार्यक्रम है, जिस वजह से वह पूर्णिया में होने वाली रैली में शामिल नहीं हो सकेंगे.
इंडिया अलायंस पर खतरा
पिछले कुछ समय से बिहार के सियासत में चर्चाएं हैं कि नीतीश कुमार और INDI अलायंस के साथ-साथ महागठबंधन का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब केंद्र ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का फैसला किया था, उसके ठीक बाद नीतीश कुमार ने अपने विचारक और गुरु कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती मनाने के लिए आयोजित पार्टी की रैली में न सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी का आभार जताया, बल्कि परिवारवाद पर कटाक्ष भी कर दिया.
बिहार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है
बिहार की राजनीति में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. यह केवल कहा नहीं जा रहा है, बल्कि देखा भी जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि मकर संक्रांति के दिन नीतीश और लालू के बीच वह गर्मजोशी नहीं दिखी जो अमूमन देखने को मिलती है. वहीं, ठीक इसके बाद नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार की जमकर तारीफ की. इसके ठीक बाद उन्होंने राहुल गांधी की रैली में जाने से इनकार कर दिया है. चाहें रैली में किसी भी कारण से ना जा सकें, लेकिन इसके सियासी मायने काफी कुछ कहते हैं. बिहार की राजनीति में सब कुछ ठीक है, या फिर कुछ बड़ा होने वाला है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
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