Indian Railways: ट्रेन की यात्रा काफी आरामदायक और किफायती मानी जाती है. ट्रेन में चढ़ने से लेकर चलाने तक कई नियम बनाए गए हैं. ऐसे में बस या कार ड्राइवर के जैसे ट्रेन का लोकोपायलट अपने मर्जी से ट्रेन नहीं चला सकता है. जैसे ही कोई ट्रेन लोकोपायलट को चलाने के लिए दी जाती है, ठीक वैसे ही उसे एक रूट प्लान दिया जाता है, जिसमें इस बात की जानकारी होती है कि किस जगह कितनी स्पीड में ट्रेन दौड़ेगी और कहां पर कितने समय के लिए ट्रेन रुकेगी. अगर तय समय के अनुसार ट्रेन नहीं चलती है तो ड्यूटी के समाप्त होने के बाद लोकोपायलट को जवाब देना होगा.
हालांकि, रेलवे के नियमावली में एक ऐसी भी स्थिति है, जब लोकोपायलट पर ट्रेन की स्पीड को लेकर कोई नियम लागू नहीं होते हैं. इस समय जैसे मन वैसे लोकोपायलट ट्रेन को चलाता है. इतना ही नहीं यह जानकर भी आप हैरान होंगे कि अगर लोकोपायलट के कारण ट्रेन लेट हो रही है तो आप कोई शिकायत भी नहीं कर सकते हैं.
ट्रेन चलाने के होते हैं नियम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रेल मैन्युअल में ट्रेनों के संचालन में हर चीज के नियम हैं. मैन्युअल में इस बात की भी जानकारी है कि लोकोपायलट कहां कहां हॉर्न बजाएगा, कहां पर कितनी स्पीड रखेगा. उसे नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है. इसके पीछे का उद्देश्य है कि ट्रेन की पंक्चुअलिटी को मेंटेन रखा जाए.
हालांकि, कोहरे के दौरान मैन्युअल में दिए नियमों के अनुसार ट्रेन का परिचालन संभव नहीं हो सकता है. इस स्थिति में लोकोपायलट को नियमों का पालन करना अनिवार्य नहीं होता है. इस स्थिति में ट्रेन की स्पीड को उसके विवेक पर छोड़ दिया जाता है. वह स्वयं तय करता है कि कितनी स्पीड से ट्रेन चलाई जा सकती है.
छूट देने के पीछे है खास कारण
रेलवे के अनुसार किसी सेक्शन में ट्रेन की स्पीड अधिकतम 60 किमी. प्रति घंटे निर्धारित है. हालांकि कोहरे के कारण इस स्पीड से ट्रेन को लगातार चला पाना खतरे से खाली नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि कहीं कोहरा काफी ज्यादा होता है, कहीं कम होता है. इस वजह से विजिबिलिटी बहुत कम हो जाती है. इस स्थिति में लोकोपायलट तय स्पीड से ट्रेन चलाएगा तो हादसा होने की आशंका रहती है, इससे बचने के लिए लोकोपायलट को उसके विवेक पर स्पीड तय करने की छूट होती है. जिससे यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके.
इंडियन रेलवे लोको रनिंगमैन आर्गनाइजेशन की मानें तो कोहरे में ट्रेन को चलाना किसी चुनौती से कम नहीं है. रेलवे नेटवर्क के सामान्य ट्रैक 90 किमी. वहीं, अधिकतम स्पीड 160 किमी. प्रति घंटे की हो सकती है. हालांकि कोहरे के दौरान स्पीड स्वयं लोकोपायलट को तय करना पड़ता है.
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