Padma Vibhushan Award 2024: देश की पहली महिला महावत पार्वती बरुआ सहित 34 गुमनाम हस्तियों को ‘पद्मश्री’ सम्मान, देखें पूरी लिस्ट

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Padma Vibhushan Award 2024: गणतंत्र दिवस (Rebublic Day 2024) की पूर्व संध्या पर गुरुवार को सरकार ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया. इस साल 34 हस्तियों को पद्मश्री पुरस्कार दिया गया है. लिस्ट में असम की रहने वाली देश की पहली महिला महावत पार्वती बरुआ, हेमचंद मांझी (वैद्यराज मांझी) और पूर्वी सियांग की हर्बल मेडिसीन एक्सपर्ट यानुंग जमोह लेगो का नाम शामिल है. सरकार ने पद्म भूषण और पद्म विभूषण पुरस्कारों का ऐलान भी कर दिया है. वहीं, इससे पहले 23 जनवरी को सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कूर्परी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ देने का ऐलान किया था.

Parbati Baruah

देश की पहली महिला महावत होंगी पद्मश्री से सम्‍मानित

पार्वती बरुआ नाम की महिला असम से हैं. वह 67 वर्ष की हैं. उन्हें सामाजिक कार्य (पशु कल्याण) के क्षेत्र में पद्मश्री से नवाजा गया है. वह देश की पहली महिला महावत मानी गई हैं. गौरीपुर के एक राजघराने से ताल्लुक रखने वाली पार्वती बरुआ को शुरू से ही जानवरों से खास लगाव था. खासतौर पर हाथि‍यों से…उनका यही प्यार उनकी जिंदगी का लक्ष्य बन गया.

Chami Murmu

28 हजार महिलाओं को स्वरोजगार दे चुकीं चामी मुर्मू

पद्म श्री पाने वाली एक शख्सियत चामी मुर्मू हैं. वह पिछले 28 सालों में 28 हजार महिलाओं को स्वरोजगार दे चुकी हैं. उनको देश में नारी शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 2019 में राष्ट्रपति भवन में तत्‍कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें यह सम्मान दिया था.

Jageshwar Yadav

पिछडे इलाके में आदिवासी जागेश्वर यादव ने की जनसेवा

छत्तीसगढ़ राज्‍य के जशपुर से आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता जागेश्वर यादव भी पद्मश्री से सम्‍मानित होंगे. छत्तीसगढ़ के जागेश्वर यादव 67 साल के हैं. उन्हें सामाजिक कार्य (आदिवासी – पीवीटीजी) के लिए पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है. उन्होंने बिरहोर और पहाड़ी कोरवा लोगों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.

गुरविंदर सिंह– सिरसा के दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता, जिन्होंने बेघरों, निराश्रितों, महिलाओं, अनाथों और दिव्यांगजनों की बेहतरी के लिए काम किया. उन्होंने बाल गोपाल धाम नामक बाल देखभाल संस्थान की स्थापना करके 300 बच्चों के सपनों को संजोया.

सत्यनारायण बेलेरी– केरल-कासरगोड के किसान, जो 650 से अधिक पारंपरिक चावल किस्मों को संरक्षित करके धान की फसल के संरक्षक के रूप में पहचाने गए. उन्होंने 3 राज्यों – कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में उत्पादन और संरक्षण को बढ़ावा देते हुए ‘राजकायम’ चावल को सफलतापूर्वक उगाया.

6- दुक्खू माझी, 78 वर्ष, पश्चिम बंगाल सोशल वर्क (पर्यावरण)

7- के चेल्लामल, 69 साल, अंडमान एंड निकोबार (एग्रीकल्चर)

8- संगथंकिमा, 63 साल, मिजोरम, सोशल वर्क (चिल्ड्रन)

9- हेम चंद्र माझी, 70 साल, छत्तीसगढ़ (आयुष)

10- यानुंग जमोह लेगो, 58 साल, अरुणाचल प्रदेश (एग्रीकल्चर)

11- सोमन्ना, 66 वर्ष, कर्नाटक, सोशल वर्क (आदिवासी)

12- सर्वेश्वर बासुमेतेरी, 61 वर्ष, असम, (एग्रीकल्चर)

13- प्रेमा धनराज, 72, कर्नाटक (मेडिसिन)

14- उदय विश्वनाथ देश पांडेय, 70 वर्ष, महाराष्ट्र (मलखंभ कोच)

15- याज्की मॉनेकशॉ इटालिया, 72 वर्ष, गुजरात (Indigenous-Sickle Cell)

16- शांति देवी पासवान और शिवान पासवान, मधुबनी बिहार (पेंटिंंग)

17- रतन कहार, 88 वर्ष, पश्चिम बंगाल, कला (लोकगीत गायन)

18- अशोक कुमार बिस्वास, 67 वर्ष, बिहार (पेंटिंंग)

19- बालाकृष्णा सदानाम पुथिया वीतिल, 79 वर्ष, केरल, आर्ट, ( कथककली)

20- उमा माहेश्वरी डी, 63 वर्ष, आंध्रप्रदेश, कला (स्टोरी टेलिंंग)

21- गोपीनाथ स्वेन, 105 वर्ष, उड़ीसा, आर्ट (भजन गायन)

22- स्मृति रेखा चाखमा, 63 वर्ष, त्रिपुरा आर्ट (टेक्सटाइल)

23- ओम प्रकाश शर्मा, 85 वर्ष, मध्य प्रदेश आर्ट (थिएटर-फॉक)

24- नारायन EP, 67 वर्ष, केरल कला (डांस)

25- भागवत प्रधान, 85 वर्ष, उड़ीसा, कला (डांस)

26- सनातन रुद्र पाल, 68 वर्ष, पश्चिम बंगाल, कला (स्कल्पचर)

27- बद्रप्पन M, 87 वर्ष, तमिलनाडु, कला (डांस)

28- जॉर्डन लेपचा, 50 वर्ष, सिक्किम, कला (क्राफ्ट)

29- माचिहान सासा, 73 वर्ष, मणिपुर, कला (क्राफ्ट)

30- गद्दम समैया, तेलंगाना, 67 वर्ष, कला (डांस)

31- जानकी लाल, उम्र 81 वर्ष राजस्थान, कला (थिएटर)

32- दासारी कोंडप्पा, उम्र 63 वर्ष, तेलंगाना, कला (इंस्ट्रूमेंट)

33- बाबूराम यादव, उम्र 74 वर्ष, उत्तर प्रदेश, कला (क्राफ्ट)

34- नेपाल चंद्र सूत्राधार, उम्र 82 वर्ष, पश्चिम बंगाल, कला (मास्क मेकिंंग)

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