Emmanuel Macron: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों हाल ही में भारत के गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के तौर पर अपने दो दिवसीय दौरे पर थे. उनकी इस यात्रा के दौरान भारत और फ़्रांस के बीच विभिन्न क्षेत्रों में प्रमुख सहयोग और समझौते हुए है. रक्षा अंतरिक्ष सांझेदारी , स्वच्छ ऊर्जा में संयुक्त अनुसंधान, स्वास्थ्य देखभाल सहयोग , और सार्वजनिक प्रशासन के क्षेत्र में सहयोग उनमे से कुछ है.
फ्रांसीसी इंजन निर्माता सफरान करेगा 100% टेक्नॉलजी ट्रांसफर
भारत और फ्रांस सैन्य हार्डवेयर के सह – डिजाइनिंग , सह-विकास और सह-उत्पादन सहित क्षेत्र में साझेदारी के अवसरों की पहचान करने के लिए रक्षा औद्योगिक सहयोग के लिए एक नए रोड मैप पर सहमत हुए हैं, दोनों देश संयुक्त रूप से एक बहु-मिशन हेलीकॉप्टर का उत्पादन करेंगे. शीर्ष अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि भारत और फ्रांसीसी इंजन निर्माता सफरान देश में लड़ाकू जेट इंजन बनाने के लिए 100% टेक्नॉलजी ट्रांसफर करने के इच्छुक हैं.
H125 हेलीकॉप्टरों को लेकर हुई साझेदारी
टाटा और एयरबस हेलीकाप्टर एक महत्वपूर्ण स्वदेशी और स्थानीयकरण घटक के साथ भारत में H125 हेलीकॉप्टरों का उत्पादन करने के लिए साझेदारी करेंगे. यह सरकार की ‘मेक इन इंडिया ‘ पहल के तहत निजी क्षेत्र में भारत की पहली हेलीकाप्टर असेंबली लाइन होगी. भारत में बने पहले H125 हेलीकाप्टर का उत्पादन 2026 में शुरू होने की उम्मीद है. हेलीकाप्टर छह यात्रियों को ले जा सकता है.
रक्षा उत्पादन रोडमैप को अपनाया गया
भारत और फ्रांस की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ यह अन्य देशों के साथ सुरक्षा साझेदारी में भी उपयोगी योगदान दे सकता है जो समान उत्पादों का उपयोग कर सकते हैं.” दोनों देश रक्षा उत्पादन रोडमैप को अपनाने पर सहमत हुए हैं.इस रोड मैप के माध्यम से रक्षा सहयोग की प्राथमिकता वास्तव में रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में साझेदारी के अवसरों की पहचान करना है जो सह-डिजाइनिंग, सह-विकास, सह-उत्पादन को प्राथमिकता देते हैं और दोनों देशों के बीच रक्षा आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण भी करते हैं.
डिफेंस के साथ कई और सेक्टर में भी साझेदारी
दोनों पक्ष भारत फ्रांस प्रवास और गतिशीलता साझेदारी समझौते के समग्र ढांचे के तहत 18 से 35 वर्ष के आयु के प्रोफेशनल्स के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए एक युवा प्रोफेशनल योजना पर सहमत हुए थे. सहयोग के दायरे के विस्तार में वायु और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों, पानी के भीतर डोमेन जागरूकता सहित समुद्री प्रौद्योगिकी, भूमि युद्ध से संबंधित उपकरण और प्रणालियां, रोबोटिक्स,आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस ,ऑटोनोमस व्हीकल्स और प्लेटफॉर्म और साइबर रक्षा शामिल होंगे.
ये भी पढ़े: Kerala: सड़क किनारे धरना पर बैठ गए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद, जाने किस वजह से हुए नाराज