Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को लगातार छठा बजट पेश करेंगी. इसके साथ ही उनके नाम कई रिकॉड दर्ज हो जाएंगे. वह लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश करने वाली दूसरी वित्त मंत्री होंगी. यह उपलब्धि अब तक केवल पूर्व पीएम मोरारजी देसाई के नाम है. निर्मला सीतारमण पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं, जो जुलाई 2019 से 5 पूर्ण बजट पेश कर चुकी हैं.
एक फरवरी को पेश होगा अंतरिम बजट
निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने के साथ ही डा. मनमोहन सिंह, पी चिदंबरम, अरुण जेटली और यशवंत सिन्हा जैसे पूर्व वित्त मंत्रियों के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ देंगी. इन नेताओं द्वारा लगातार पांच बजट पेश किया गया था. वित्त मंत्री के रूप में मोरारजी देसाई ने वित्त वर्ष 1959-1964 के बीच पांच सालाना बजट और एक अंतरिम बजट पेश किये थे. 1 फरवरी को फाइनेंशियल ईयर 2024-25 का पेश होने वाला अंतरिम बजट लेखानुदान होगा. यह सरकार को आगामी अप्रैल-मई के आम चुनावों के बाद नई सरकार आने तक कुछ निश्चित मदों में खर्च करने का अधिकार देगा.
बड़ा नीतिगत बदलाव होने की नहीं है संभावना
हालांकि, आम चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में वित्त मंत्री के अंतरिम बजट में कोई बड़ा नीतिगत बदलाव होने की संभावना नहीं है. वित्त मंत्री सीतारमण ने पिछले महीने एक कार्यक्रम में अंतरिम बजट में कोई बड़ी घोषणा से इनकार किया था. उन्होंने कहा कि यह आम चुनाव से पहले केवल लेखानुदान होगा. संसद में पारित होने के बाद लेखानुदान से सरकार को अप्रैल-जुलाई अवधि के खर्च को पूरा करने के लिए देश की संचित निधि से आनुपातिक आधार पर राशि निकालने की अनुमति रहेगी. चुनाव के बाद नई सरकार जून के आसपास बन सकती है. ऐसे में नई सरकार जुलाई में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट लेकर आएगी.
सौंपी ये जिम्मेदारी
2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद, अरुण जेटली ने वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाला. वित्त वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक लगातार पांच बार बजट पेश किए. अरुण जेटली के खराब स्वास्थ्य के वजह से मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे, पीयूष गोयल ने एक फरवरी 2019 को अंतरिम बजट पेश किया. 2019 के आम चुनावों के बाद मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में सीतारमण को वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी. सीतारमण इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं. इंदिरा गांधी ने 1970-71 के लिए बजट पेश किया था.
‘ब्रीफकेस’ हटाया ‘बही-खाता’ अपनाया
वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट डॉक्यूमेंट के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले परंपरागत ‘ब्रीफकेस’ को हटाकर इसकी जगह राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह वाला ‘बही-खाता’ अपनाया. अपना छठा बजट पेश कर रहीं वित्त मंत्री ग्रामीण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कुछ उपाय कर सकती हैं. इसका एक प्रमुख कारण वित्त वर्ष 2023-24 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 4% से घटकर 1.8 % होने का अनुमान है.
2017 में अहम फैसला
वर्ष 2017 में सरकार ने फरवरी के आखिरी कार्य दिवस की जगह 1 तारीख को बजट पेश करने का फैसला किया. साथ ही 28 फरवरी को बजट पेश करने की औपनिवेशिक युग की परंपरा खत्म कर दी गयी.
ये भी पढ़ें :- Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव का ऐलान, यूपी में 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस