एक विवाह ऐसा भी! 3 दशक पहले राममंदिर बनने का लिया था संकल्प, अब अयोध्या में रचाई शादी

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Rajasthani Couple Marriage In Ayodhya: भगवान रामलला अयोध्‍या के अपने भव्‍य महल में विराज चुके हैं. प्राण प्रतिष्‍ठा का दिन यानी 22 जनवरी इतिहास के पन्‍नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो चुका है. साथ ही करोड़ों रामभक्‍तों का सपना साकार हो गया. 500 साल के अधिक के लंबे इंतजार के बाद राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने के साथ ही कई लोगों के अधूरे संकल्प पूरे हुए.

ऐसे में आज की खबर में हम आपको राममंदिर से जुड़ी एक ऐसे संकल्‍प के बारे में बताने जा रहे हैं जो 33 साल पहले लिया गया था. जी हां, रामनगरी में एक अलग तरह की शादी चर्चा का विषय बनी. दरअसल, राजस्‍थान के एक स्‍वयंसेवक ने 3 दशक से पहले एक संकल्‍प किया था कि जब तक राममंदिर नहीं बनेगा वे शादी नहीं करेंगे. अब मंदिर बना तो उनका संकल्‍प भी पूरा हो गया.

अयोध्‍या में रचाई शादी  

रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद बीते मंगलवार को स्‍वयंसेवक ने अपनी संगिनी संग सात फेरे लिये. इस राजस्‍थानी जोड़े ने अयोध्या के ही कारसेवकपुरम परिसर में स्थित यज्ञ विधि के साथ फेरे लेकर, पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर अपनी नए जीवन की शुरुआत की. खास बात तो ये है कि इस जोड़े ने वरमाला के लिए उन फूलों को चुना, जिनका भगवान रामलला के श्रृंगार के लिए मंदिर में इस्तेमाल किया गया था.

इस वजह से लिया संकल्‍प

90 के दशक में राममंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले आरएसएस के स्‍वयंसेवक डॅाक्‍टर महेंद्र भारती राजस्‍थान के जयपुर के निवासी है. वे 1990 में ही विवाह के योग्य थे. उसी समय कार सेवकों पर गोली चलने की घटना से आहत होकर उन्होंने अपनी शादी रोक दी. उन्‍होंने संकल्प लिया कि जब तक अयोध्या में राममंदिर का निर्माण नहीं हो जाता, तब तक वह शादी नहीं करेंगे और कोई भी माला नहीं पहनेंगे. आखिरकार अब जाकर उनका ये संकल्‍प पूरा हुआ. रामलला अपने महल में विराजमान हो गए, इसके बाद महेंद्र भारती ने अजमेर निवासी डॉक्टर शालिनी गौतम से अयोध्या में विवाह किया. 33 साल बाद उनका प्रण पूरा हुआ. इस राजस्‍थानी जोड़े की शादी पुरोहित बंधु तिवारी ने करवाई.

राममंदिर बनना सनातन संस्‍कृति की पुनर्स्‍थापना…

महेंद्र भारती 20 साल से अधिक समय से आरएसएस के प्रचारक रह चुके हैं. वहीं, उनकी नवविवाहिता शालिनी गौतम महाविद्यालय में शिक्षिका हैं. दोनों का ही कहना है कि उनकी शादी के लिए इससे अच्‍छा समय कोई और नहीं हो सकता. महेंद्र भारती ने कहा कि राम मंदिर बनना सनातन संस्कृति की पुनर्स्थापना का दौर है. उन्‍होंने कहा कि यह बेहद ही खास समय है.

शादी होने के बाद महेंद्र भारती ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि यह पल सौभाग्य बनकर मेरी जिंदगी में आया है. साल 1990 में संकल्प लिया था कि राम जन्मभूमि अयोध्या में श्री राम का भव्य मंदिर बनने के बाद ही वह दर्शन करके शादी करेंगे. आखिरकार उनका संकल्‍प पूरा हुआ.

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