पंचकोसी परिक्रमाः चौथे दिन संतों संग हजारों श्रद्धालु हुए शामिल, किया दर्शन-पूजन

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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प्रयागराजः जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज की अध्यक्षता व नेतृत्व में आयोजित पंचकोसी परिक्रमा में चौथे दिन रविवार को हजारों श्रद्धालु शामिल हुए. श्रद्धालुओं ने कई पवित्र तीर्थ स्थलों का दर्शन कर पूजा-अर्चना किया. परिक्रमा के अंतिम दिन सोमवार को कलश में गंगा जल लेकर महर्षि भरद्वाज आश्रम तक शोभा यात्रा निकाली जाएगी.

झूंसी में ही श्री शंख माधव जी का दर्शन और पूजन किया
रविवार को संगम स्नान-पूजन से शुरू हुई परिक्रमा में शामिल संतों और श्रद्धालुओं ने सबसे पहले गंगा पार में झूंसी. प्रतिष्ठानपुरी स्थित समूद्रकूप एवं कल्पवृक्ष का दर्शन-पूजन किया. इसके बाद सभी ने झूंसी में ही श्री शंख माधव जी का दर्शन और पूजन किया.

ग्राम ककरा, दुबावल स्थित महर्षि दुर्वासा आश्रम में दर्शन- पूजन किया गया. सहसों होते हुए फाफाम पाण्डेश्वर महादेव ग्राम पनासा में पर्णास मुनि के आश्रम में महर्षि वाल्मीकि, पर्णास ऋषि व ज्वाला देवी का दर्शन-पूजन, श्रृंगवेरपुर धाम में सीता कुण्ड व निषादराज स्थली का दर्शन-पूजन, नगर में सलोरी स्थित श्री शेषनाथ भगवान का दर्शन-पूजन, नागवासुकि भगवान एवं श्री असि माधव जी का दर्शन-पूजन किया गया.

चौथे दिन परिक्रमा ने संगम स्थित श्री दत्तात्रेय शिविर में विश्राम लिया
दारागंज स्थित श्री वेणी माधव जी का दर्शन-पूजन के बाद श्री अलोपशंकरी माताजी का दर्शन-पूजन किया गया. संगम स्थित श्री आदि माधव जी का दर्शन-पूजन कर उनसे विश्व कल्याण की कामना की गई. संगम पर आचमन व प्रार्थना के साथ चतुर्थ दिन की परिक्रमा ने संगम स्थित श्री दत्तात्रेय शिविर में विश्राम लिया.

दर्शन-पूजन से दूर हो जाते सभी कष्टः हरि गिरि महाराज
इस अवसर पर जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि पंचकोसी परिक्रमा के दौरान अनेक प्राचीन व सिद्धपीठ पड़ते हैं. परिक्रमा लगाने से हमें उन सभी के दर्शन व पूजन करने का अवसर भी मिलता है, जिससे हमारे सभी कष्ट दूर होते हैं. जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने कहा कि पंचकोसी परिक्रमा दुख-कष्टों को हरने वाली है. इस परिक्रमा से भगवत की प्राप्ति होती है.

प्रयागराज में द्वादश माधव का बहुत महत्व हैः नारायण गिरि महाराज
श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि प्रयागराज में द्वादश माधव का बहुत महत्व है. तीर्थराज प्रयागराज में आने वाले श्रद्धालुओं की रक्षा के लिए भगवान विष्णु द्वादश माधव रूप में विराजमान हैं.

उन्होंने कहा कि पंचकोसी परिक्रमा लगाने से इन सभी के दर्शन-पूजन का सौभाग्य भी प्राप्त होता है. साथ ही कई अन्य प्राचीन मंदिरों के दर्शन करने को भी मिलते हैं. यही कारण है कि पंचकोसी परिक्रमा का बहुत महत्व माना गया है. इस परिक्रमा को करने से हमारे जन्म-जन्मांतर के पाप भी दूर हो जाते हैं.

संतों और श्रद्धालुओं ने किया संगम स्नान-पूजन
खिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज, हिमालय पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर वीरेंद्रानंद गिरि महाराज, महामंडलेश्वर आत्मानंद गिरि, महामंडलेश्वर शिवगिरि महाराज त्र्यंबकेश्वर, सलाहकार मुन्नी लाल पांडे, लक्ष्मी कांत त्रिपाठी, वरिष्ठ अधिवक्ता डीआर चौधरी, वरिष्ठ पत्रकार पीएन द्विवेदी आदि ने भी परिक्रमा में भाग लिया और संगम स्नान-पूजन किया.

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