Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, विदुर जी ने पूँछा कृष्ण कथा के विषय में – और जहां उद्धव जी ने कथा सुनाई, उस जगह का नाम वृंदावन में ज्ञान गुदड़ी है। दो संत ज्ञान गुदड़ी में बैठकर कृष्ण चर्चा कर रहे हैं। कृष्ण कन्हैया तेरी बात नई है, राधा के प्यारे तेरी बात नई है। सारे जगत को देता उजाला, खुद है काला यह बात सही है।। सारे जगत को भोजन देता, चोरी करे यह बात सही है।
सारे जगत को बांधने वाले, खुद बंध गया यह बात सही है।। भगवान की मार में भी प्यार है। मारा नहीं तारा, आज कष्ट आता है तो हम कहते हैं भगवान ने अच्छा नहीं किया, लेकिन सच्चाई यह नहीं है भगवान का प्रत्येक विधान जीव के हित में है। दुनियां मारती है, बदला लेने के लिए। परमात्मा दंड भी देते हैं तो मनुष्य को बदलने के लिए। तकलीफ आई- भजन करो, पूजा पाठ करो। गीता सुनकर जिसे ज्ञान न हो उसे मूर्ख कहोगे या महामूर्ख कहोगे। धृतराष्ट्र ने संजय से गीता सुनी लेकिन अंधा का अंधा ही रहा। गीता सुनकर भी जिनको ज्ञान न हो, उनको संत ज्ञान देते हैं। धृतराष्ट्र को विदुर का उपदेश। विदुर कहते हैं- आपके कर्म आग डालने जैसे है। भगवान राख ही डाल रहे हैं।
नेत्र का अंधा उतना बुरा नहीं है, अक्ल का अंधा ज्यादा बुरा है। गांधारी तूने स्वार्थ में पट्टी खोली, दुर्योधन मारा गया।अब परमार्थ में पट्टी खोलो, पति का हाथ पकड़ कर हरिद्वार ले जाओ। धृतराष्ट्र गांधारी हरिद्वार पहुंचे, भगवान का भजन करते हैं और फिर उनका मोक्ष होता है। सभी हरि भक्तों को तीर्थगुरु पुष्कर आश्रम एवं साक्षात् गोलोकधाम गोवर्धन आश्रम के साधु-संतों की तरफ से शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम श्रीगोवर्धन धाम कॉलोनी बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्रीदिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट, ग्रा.पो. गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).