अचानक कैसे दिखनी बंद हो गई थी भगवान जगन्नाथ की परछाई, जानिए रोचक कहानी
Jagannath Puri Interesting Facts: भगवान जगन्नाथ का मंदिर अक्सर चर्चा का विषय बना रहा है. इस मंदिर से जुड़े कई रोचक किस्से हैं, जो हैरान कर देते हैं.
भगवान जगन्नाथ से जुड़ा एक किस्सा ऐसा है, जब भगवान की प्रतिमा की परछाई दिखना बंद हो गया था.
जब परछाई दिखना बंद हुआ, तो वहां मौजूद पंडित और भक्त हैरान रह गए. आइए बताते हैं इसके बाद क्या हुआ.
साल 1890 में जन्माष्टमी के दिन भगवान जगन्नाथ को जब भोग लगाया गया, तब उनकी परछाई नहीं दिखी.
जब ये बात तब के राजा तक पहुंची कि भगवान जगन्नाथ खाना नहीं खा रहे. तब सभी नगर वासियों ने भगवान के लिए सारे दिन तरह-तरह के पकवान बनाया और लेकर मंदिर पहुंचे.
इसके बाद भी भगवान जगन्नाथ के मूर्ति की परछाई नहीं दिखी. तब पूरी के राजा ने ठाना कि बगैर कारण जानें अन्न नहीं छुएंगे.
मंदिर में भूखे बैठे राजा की अचानक आंख लग गई. इसके बाद उन्हें सपने में भगवान जगन्नाथ के दर्शन हुए.
सपने में भगवान जगन्नाथ ने राजा को बताया, "मैं मंदिर में था ही नहीं. मैं एक निर्धन भक्त की कुटिया में उसके हाथों से बना भोग खाने गया था.
ऐसे में जब मैं यहां था ही नहीं, तो परछाई भला कैसे दिखेगी. जब राजा ने ये बताया, तब पंडितों ने दोबारा भगवान जगन्नाथ को भोग लगाया. इसके बाद भगवान की परछाई दिखने लगी.
कहते हैं ये भगवान जगन्नाथ की अद्भुत लीला ही थी. आज भी जगन्नाथ पूरी में जब पंडित जगन्नाथ जी को भोग लगाते हैं और उनकी हथेली में जल रखते हैं.
तब उनकी परछाई उस पानी में साफ दिखाई देती है. तब ये माना जाता है कि प्रभु ने भोग को स्वीकार कर लिया है.
(Disclaimer: यहां बातें सामान्य जानकारी पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)