हल्द्वानी DM ने किए बहुत बड़े खुलासे, प्लानिंग करके की गई हिंसा; छतों पर पहले से जमा थे पत्थर

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Haldwani Violence: गुरुवार को उत्तराखंड के हल्द्वानी में नगर निगम अवैध मस्जिद और मदरसा पर कार्रवाई करने पहुंचा था. उस दौरान अचानक हिंसा भड़क गई. हालात इतने खराब हो गए हैं कि दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं. वहीं, पूरे शहर में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. हल्द्वानी प्रशासन ने साफ कर दिया है कि उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई होगी. CCTV वीडियो खंगाले जाएंगे और दंगाइयों की पहचान करके उनके खिलाफ एक्शन होगा.

जानिए पूरा मामला

दरअसल, गुरुवार को नगर निगम की टीम अवैध निर्माण पर बुलडोजर कार्रवाई करने गई थी. प्रशासन ने बुलडोजर से अवैध निर्माण को तो तोड़ दिया लेकिन इसके बाद हल्द्वानी का माहौल खराब हो गया और हिंसा पूरी तरह भड़क गई. इस बवाल में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं. पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया. इसके साथ ही उपद्रवियों के देखते ही गोली मारने के आदेश भी दिए जा चुके हैं. शहर में गुरुवार रात से ही इंटरनेट बंद कर दिया गया. वहीं, उस पूरे मामले पर हल्द्वानी डीएम ने बड़ा खुलासा किया है. जानिए क्या कहा…

बता दें कि हलद्वानी हिंसा प्रभावित बनभूलपुरा में चार लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.

डीएम ने किया खुलासा

हल्द्वानी हिंसा पर नैनीताल की डीएम और एसएसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बड़े खुलासे किए हैं. इस दौरान डीएम वंदना सिंह ने बताया कि 15 दिन से अतिक्रमण हटाने की ड्राइव चल रही थी. उन्होंने बताया कि इसके लिए पहले से ही सूचना दी गई थी. दंगाइयों ने पेट्रोल बम का भी इस्तेमाल किया. इलाके में छतों पर पहले से ही पत्थर जमा किए गए थे.

 

सभी को दिया गया था नोटिस

डीएम वंदना सिंह ने आगे बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद हलद्वानी में विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई. सभी को नोटिस दिया गया और सुनवाई के लिए समय दिया गया. कुछ ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कुछ को समय दिया गया, जबकि कुछ पक्षों को समय नहीं दिया गया. जहां समय नहीं दिया गया वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की ओर से तोड़फोड़ अभियान चलाया गया. यह कोई पृथक गतिविधि नहीं थी और किसी विशेष संपत्ति को टारगेट नहीं किया गया. यह एक खाली संपत्ति है जिसमें दो ढांचे हैं, जो धार्मिक ढांचा के रूप में पंजीकृत नहीं है या इसे ऐसी कोई मान्यता नहीं दी गई है.

पहले से की गई थी प्लानिंग

डीएम वंदना सिंह ने आगे बताया कि अतिक्रमण रोधी अभियान शांतिपूर्वक शुरू हुआ. सुरक्षा के लिए फोर्स तैनात की गई. इस दौरान हमारी नगर निगम की टीम पर पथराव किया गया. योजना बनाई गई थी कि जिस दिन तोड़फोड़ अभियान चलाया जाएगा उस दिन फोर्स पर हमला किया जाएगा. पत्थरों के साथ आई पहली भीड़ तितर-बितर कर दी गई, लेकिन जो दूसरी भीड़ आई उसके पास पेट्रोल बम थे. यह अकारण था और हमारी टीम ने कोई बल प्रयोग नहीं किया.

जारी रहेगा अतिक्रमण रोधी अभियान 

जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि हमने अतिक्रमण रोधी अभियान जारी रखने का फैसला किया क्योंकि संपत्तियों पर कोई स्टे नहीं थी. विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कानूनी प्रक्रिया चल रही है और इसलिए यहां भी ऐसा किया गया. हमारी टीमों और संसाधनों को स्थानांतरित कर दिया गया और किसी को भी उकसाया या नुकसान नहीं पहुंचाया गया. जान-माल को नुकसान पहुंचाने के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. विध्वंस अभियान शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ. पूरी प्रक्रिया ठीक से होने के बावजूद, एक बड़ी भीड़ ने आधे घंटे के भीतर हमारी नगर निगम सहयोग टीम पर हमला कर दिया.

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