मौनी अमावस्या: प्रयागराज, काशी और अयोध्या में उमड़ी आस्था, श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या का पर्व आज (शुक्रवार) को मनाया जा रहा है. स्नान के इस पर्व पर अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी सहित अन्य जिलों के गंगा घाटों पर आस्थ्या उमड़ी है. लाखों श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने के बाद दान-पुण्य कर पुण्य के भागी बन रहे हैं. प्रयागराज में स्नानार्थियों पर हेलिकाप्टर से फूलों की वर्षा की गई. पुष्प वर्षा का ये नजारा लोगों को बरबस ही अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था.

प्रयागराज में हेलीकाप्टर से स्नानार्थियों पर हुई पुष्प वर्षा
स्नान का पर्व मौनी अमावस्या का बहोत महत्व है. इस पर्व के मौके पर प्रयागराज में संगम पर स्नानार्थियों का सैलाब उमड़ा. मां गंगा के जयकारे के साथ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. इस दौरान स्नानार्थियों पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की गई. पुष्प वर्षा के ये नजारा बरबस ही स्नानार्थियों के साथ ही अन्य लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था.

अयोध्या में सरयू नदी पर उमड़ी आस्था
मौनी अमावस्या के मौके पर रामनगरी अयोध्या में भी लाखों श्रद्धालु उमड़ते हैं. सरयू में डुबकी लगाकर मंदिरों में दर्शन-पूजन करते हैं. अयोध्या में पांच लाख श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना है. इसके चलते यहां यातायात प्रतिबंधित कर दिया गया है. गुरुवार की शाम से ही श्रद्धालुओं के आने का क्रम शुरु हो गया था. शुक्रवार की भोर से ही श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होता गया. लाखों श्रद्धालु सरयू नदी में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है.

पांच किलोमीटर तक पैदल चलकर हो रहे दर्शन
श्रद्धालुओं भीड़ की वजह से रामनगरी में यातायात प्रतिबंधित होने के चलते श्रद्धालुओं को चार से पांच किलोमीटर तक पैदल चलने के बाद रामलला के दर्शन हो रहे हैं. चार पहिया वाहनों के लिए टेढ़ी बाजार, हनुमान गुफा पर पार्किंग बनाई गई है. यहां से उन्हें रामलला के दर्शन के लिए पैदल ही जाना पड़ता है. टेढ़ी बाजार से राममंदिर की दूरी करीब दो किलोमीटर, जबकि हनुमानगुफा से करीब तीन किलोमीटर है. ऐसे में श्रद्धालुओं को चार से पांच किलोमीटर तक पदयात्रा करनी पड़ रही है. टेढ़ी बाजार से रामपथ तक ई-बसों का भी संचालन रोक दिया गया है.

सर्वार्थ सिद्धि योग में डुबकी लगाएंगे श्रद्धालु
आचार्य शिवेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि माघ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि नौ फरवरी को सुबह 8:30 बजे लगेगी. 10 फरवरी को भोर में 4:28 बजे तक रहेगी. इस दिन मौन रहकर स्नान-दान करने से मनुष्य के कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं. दान करने से पहले सवा घंटे तक मौन रख लिया जाए तो पुण्यफल 16 गुना बढ़ जाता है. मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07:05 बजे से लेकर रात को 11:29 बजे तक रहेगा. इस दिन जप और तप करने वाले व्यक्ति को शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है. मन को शांति मिलती है. पीपल की 108 परिक्रमा करने से भी मनोकामना पूरी होती है.

काशी में उमड़ी आस्था
मौनी अमावस्या पर वाराणसी (काशी) में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. तड़के ही श्रद्धालुओं के गंगा घाटों पर पहुंचने का क्रम शुरु हो गया. जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता गया, वैसे-वैसे स्नानार्थियों की संख्या में इजाफा होता गया. सात बजते-बजते प्रायः सभी गंगा घाटों पर आस्था उमड़ पड़ी. लाखों श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के बाद दान-पुण्य कर लाभ के भागी बन रहे हैं. श्रद्धालुओं द्वारा मां गंगा के जयघोष से आसपास का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है.

मौनी अमावस्या पर्व का है विशेष महत्व
मौनी अमावस्या पर्व पर पवित्र नदियों में स्नान और दान पुण्य करने का विशेष महत्व है. इस पवित्र पर गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. आस्थावान लोग गंगा स्नान कर मंदिरों में पूजन-अर्चन करने के बाद दान-पुण्य कर लाभ के भागी बनते है. आज गंगा घाटों पर आस्था के इस पर्व की भीड़ दिखाई दे रही है. श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने के बाद मंदिरों में दर्शन-पूजन और दान-पुण्य कर रहे हैं.

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