Pandit Deendayal Upadhyay Death Anniversary: राष्ट्र उत्थान के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर देने वाले, एकात्म मानववाद व अंत्योदय के प्रणेता, श्रद्धेय पंडित दीनदयाल उपाध्याय की आज, 11 फरवरी को पुण्यतिथि है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने उन्हें याद कर नमन किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, उन्होंने भारतीय संस्कृति और विरासत को केंद्र में रखकर देश को आगे ले जाने का उन्होंने रास्ता दिखाया.
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मिडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, “पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी पुण्यतिथि पर देशभर के अपने परिवारजनों की ओर से शत-शत नमन. उन्होंने भारतीय संस्कृति और विरासत को केंद्र में रखकर देश को आगे ले जाने का मार्ग दिखाया, जो विकसित भारत के निर्माण में भी प्रेरणास्रोत बना है.”
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी पुण्यतिथि पर देशभर के अपने परिवारजनों की ओर से शत-शत नमन। उन्होंने भारतीय संस्कृति और विरासत को केंद्र में रखकर देश को आगे ले जाने का मार्ग दिखाया, जो विकसित भारत के निर्माण में भी प्रेरणास्रोत बना है।
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11, 2024
जेपी नड्डा ने भी किया याद
पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी सोशल मिडिया एक्स पर पोस्ट कर उनको याद किया साथ ही इस बात पर जोर दिया कि उनके मूल्य हमेशा पार्टी के लिए मार्गदर्शक रहेंगे.
एकात्म मानववाद के प्रणेता, कुशल संगठक श्रद्धेय पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर कोटिशः नमन करता हूँ।
अत्यंत सरल-सहज जीवन-शैली और भारतीय संस्कृति के प्रवाह को अभिसिंचित करने वाले दीनदयाल जी का जीवन भाजपा के कोटिशः कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा है।
सेवा, सुशासन और विकास से… pic.twitter.com/2fibaHrYB0
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) February 11, 2024
गृह मंत्री अमित शाह ने भी दी श्रद्धांजलि
वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- उपाध्याय का जीवन राष्ट्र सेवा और उसके प्रति समर्पण का एक विशाल प्रतीक है. उन्होंने कहा, उनका मानना था कि कोई भी देश अपनी संस्कृति के मूलभूत मूल्यों की उपेक्षा करके प्रगति नहीं कर सकता.
प्रखर राष्ट्रवादी और वंचितों के अधिकारों के रचनापुंज पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर कोटिश: वंदन।
दीनदयाल जी का जीवन राष्ट्रसेवा व समर्पण का विराट प्रतीक है। उनका मानना था कि कोई भी देश अपनी संस्कृति के मूल विचारों को भुलाकर प्रगति नहीं कर सकता। जब भी मानवता के कल्याण… pic.twitter.com/B2kqsGpKf1
— Amit Shah (@AmitShah) February 11, 2024