हरिद्वारः अगर आपके पास अनजान व्यक्ति ने कोई गिफ्ट पार्सल के माध्यम से भेजा है और उस पर क्यूआर (क्विक रिस्पॉन्स) कोड बना है तो सावधान हो जाइए. क्योंकि ऐसा भी हो सकता है कि आप क्यूआर कोड को स्कैन कर दें और आपके खाते से रकम गायब हो जाए. ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा है कि साइबर जालसाजों ने लोगों को जाल में फंसाकर ठगी करने का इस नए तरीके का इजाद कर लिया है. पुलिस ऐसी जालसाजी से लोगों को सावधान कर रही है.
हरिद्वार जिले में साइबर ठगी का मामला सामने आना अब आम होता जा रहा है. रोजाना साइबर ठगी के मामले सामने आते रहते हैं. एक सप्ताह में 10 से अधिक शिकायतें साइबर ठगी की पहुंचती हैं. साइबर जालसाज हर बार नया-नया तरीके अपनाते हुए लोगों को शिकार बनाते हैं और खातों से रकम उड़ा देते हैं.
यूपीसीएल से लेकर बैंक कर्मचारी बनकर तो कभी खुद को कस्टमर केयर बताते हुए ठग लोगों को जाल में फंसाते हैं. ठगों ने अब नया तरीका निकाला है, जिसमें वह उपहार को पैक कराकर लोगों को भेजते हैं. इस पर क्यूआर कोड बना होता है. गलती से इसे लोग स्कैन कर बैठते हैं और खातों से रकम निकल जाती है.
इसी तरह का मामला रुड़की में सामने आया था. एक युवती के पास एक पार्सल भेजा गया. अनजान व्यक्ति की ओर से भेजे गए गिफ्ट पर क्यूआर कोड बना था. पहले युवती ने स्कैन करने की कोशिश की, लेकिन बाद में किसी परिचित से बात की और स्कैन नहीं किया. पुलिस में शिकायत करने पर मालूम हुआ कि ये साइबर ठगों की साजिश थी.
ज्वालापुर निवासी एक युवती को पार्सल भेजा गया. ऑनलाइन संपर्क होने के बाद उस तक पार्सल पहुंचा. तब पार्सल पर बना क्यूआर कोड स्कैन कर दिया और उसके खाते से 12 हजार की रकम निकल गई. जांच के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था.
एएसपी जितेंद्र मेहरा का कहना है कि साइबर ठगी से बचने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है. कोई भी व्यक्ति उपहार भेजे और उस पर अगर क्यूआर कोड बना हो तो सावधान रहें. साइबर ठगी होने पर तत्काल 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं.