Farmers Protest: किसान नेताओं ने केंद्र द्वारा दिए प्रस्ताव को ठुकरा दिया. इस प्रस्ताव में पांच साल तक दाल, मक्का और कापास की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की बात कही जा रही थी. इसको किसान नेताओं ने स्वीकार करने से मना कर दिया है. इसी के साथ किसान 21 फरवरी को फिर से दिल्ली कूच करने की तैयारी में है. वर्तमान में हजारों की संख्या में किसान हरियाणा और पंजाब की सीमा पर 13 फरवरी से ही डटे हैं.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने प्रदर्शन के बीच आगे का प्लान बताया है. उन्होंने कहा कि हम 21 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे. चाहें हमे कोई रोक ले. किसान नेता ने दावा किया कि राजधानी से सटे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित हरियाणा में फिलहाल कश्मीर जैसे हालात (जो पहले कश्मीर में हुआ करते थे) हैं. किसान नेता का कहना है कि सरकार हमें आगे नहीं बढ़ने दे रही है. यही कारण है कि हम मजबूरी में आगे बढ़ेंगे. अब इसके जो भी परिणाम होंगे इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.
समाचार एजेंसी से बात करते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, “सरकार की मंशा बिल्कुल साफ थी कि वे हमें किसी भी कीमत पर दिल्ली में प्रवेश नहीं करने देंगे. किसानों से बातचीत के जरिए समाधान निकालना चाहते हैं तो हमें दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दी जाए. जब हम दिल्ली की ओर बढ़े तो गोलाबारी हुई. ट्रैक्टरों के टायरों पर गोलियां भी लगीं. डीजीपी हरियाणा ने कहा है कि वे किसानों पर आंसू गैस का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. हम इसका इस्तेमाल करने वालों के लिए सजा की मांग करते हैं. गलत बयान भी दिए जा रहे हैं. हरियाणा में हालात कश्मीर जैसे हैं. हम 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे. सरकार ने हमें एक प्रस्ताव दिया है ताकि हम अपनी मूल मांगों से पीछे हट जाएं. अब जो भी होगा उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.”
#WATCH | On the 'Delhi Chalo' march scheduled for Feb 21, farmer leader Sarwan Singh Pandher says, "…The intention of the govt was very clear that they would not let us enter Delhi at any cost…If you don't want to find a solution through discussion with farmers then we should… pic.twitter.com/fjxp7nU92u
— ANI (@ANI) February 20, 2024
सैकड़ों किसान हो चुके हैं घायल?
उल्लेखनीय है कि किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस और अन्य फोर्स की ओर से की जा रही सख्ती पर भी सवाल उठाए. किसान नेता ने कहा कि बॉर्डर पर बैरिकेड, कंक्रीट की बाउंड्री और कंटीले तार लगा दिए गए हैं. किसानों पर लगातार आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं. क्या ये हिंसा नहीं है. बेशक स्टेट वायलेंस करे, ये उनकी मर्जी है. किसान नेता ने आगे कहा कि हम केवल अपनी मांग मनवाना चाहते हैं. अगर बॉर्डर पर शांति व्यवस्था है तो बॉर्डर पर 400 किसान कैसे घायल हो गए हैं.
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