Tech News: आए दिन हमारे फोन पर किसी न किसी अनजान नंबर से कॉल आता ही रहता है, जिसे हम अनदेखा कर देते हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि ये कॉल स्पैम हो सकते हैं. हाल ही में आई एक रिपोर्ट में पता चला है कि पिछले साल 65 प्रतिशत से ज्यादा भारतीयों को प्रतिदिन तीन या अधिक स्पैम कॉल आती है.
डीएनडी सूची के बावजूद 90 प्रतिशत मोबाइल कस्टमर्स को अभी भी अनचाहे कॉल आते हैं. आपको बताते चले कि ये स्पैम कॉल खासकर वित्तीय सेवाएं और रियल एस्टेट क्षेत्र से जुड़े हुए होते हैं. नई रिपोर्ट में बताया गया है कि पिधले 12 महीनों में 60 प्रतिशत से ज्यादा भारतीयों को प्रतिदिन औसतन 3 या अधिक ‘अनचाहे’ या स्पैम कॉल आते हैं. आइये जानते हैं इसके बारें में…
रिपोर्ट में मिली जानकारी
- लोकलसर्किल्स की नई रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है. इस एजेंसी ने एक सर्वे किया, जिसमें 60,000 लोगों ने हिस्सा लिया. ये लोग भारत के 378 जिलों में के नागरिक थे.
- सर्वे में पता चला कि 30 प्रतिशत उत्तरदाताओं को रोज एक से दो स्पैम कॉल आती हैं. वहीं 36 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें रोज करीब तीन से 5 स्पैम कॉल मिलती हैं.
- इससे यह भी निष्कर्ष निकाला गया कि 21 प्रतिशत उत्तरदाताओं को छह से 10 स्पैम कॉल आते हैं. वहीं 3 प्रतिशत को 10 से ज्यादा अनचाही कॉल प्राप्त होती हैं. वही 6 प्रतिशत लोग ऐसे भी थे, जिन्हें ऐसा कोई फोन कॉल नहीं आता है.
स्पैम कॉल में आई कमी
- रिपोर्ट में यह जानकारी भी सामने आई है कि सर्वे में शामिल मोबाइल कस्टमर्स ने फरवरी 2023 में हर दिन औसतन 3 या अधिक स्पैम कॉल मिलने का प्रतिशत पिछले 12 महीनों में घटकर 60 प्रतिशत हो गया है.
- कंपनी का कहना है कि ये बदलाव ट्राई (भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) के निर्देशों के तहत हुआ है.
- आपको बताते चले कि डू-नॉट-डिस्टर्ब सूची में रजिस्टर्ड होने के बावजूद, 90 प्रतिशत यूजर्स ने बताया कि उन्हें अभी भी अनचाहे, परेशान करने वाली, बिक्री/प्रचार संबंधी फोन कॉल आते हैं.
- इस बीच 5 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि डीएनडी सूची अभी भी उपभोक्ताओं के लिए काम नहीं कर रही है.
वित्तीय सेवाओं और रियल एस्टेट से आते हैं स्पैम कॉल
- रिपोर्ट में बताया गया है कि 76 प्रतिशत उत्तरदाताओं को सबसे ज्यादा संख्या में स्पैम फोन कॉल वित्तीय सेवाओं और रियल एस्टेट क्षेत्रों से प्राप्त हुए हैं.
- वहीं 48 प्रतिशत लोगों ने कहा, उन्हें अधिकांश स्पैम फोन कॉल उन मोबाइल नंबरों से आते हैं, जो व्यक्तियों (व्यक्तिगत नंबर) से संबंधित लगते हैं.
- इसके अलावा 36 प्रतिशत मोबाइल कस्टमर्स का कहना था कि वे अलग-अलग मोबाइल नंबरों से आते हैं, जो कंपनियों/ब्रांडों से संबंधित प्रतीत होते हैं.