कितना खास है सिग्नेचर ब्रिज, जिसका पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के द्वारका में 25 फरवरी को देश के सबसे लंबे केबल सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन करेंगे.
लगभग 978 करोड़ रुपये की लागत से बना ओखा-बेट द्वारका सिग्नेचर ब्रिज कच्छ की खाड़ी और ओखा में बेट द्वारका द्वीप को जोड़ने वाला सबसे लंबा पुल है.
इस ब्रिज के बन जाने से द्वारकाधीश मंदिर दर्शन के लिए आने वाले लोगों को विशेष लाभ होगा.
बता दें कि पीएम मोदी ने ही इस पुल के निर्माण का सपना देखा था और उन्होनें ही इसका डिजाइन भी पास किया था. ऐसे में आइए जानते हैं इस ब्रिज की खासियत.
सिग्नेचर ब्रिज को शुरू में एक नॉर्मल ब्रिज तैयार करना था. लेकिन पीएम मोदी का विचार कुछ अलग ही था. केबल स्टेयड सिग्नेचर ब्रिज का ये डिजाइन खुद पीए ने पास किया.
पीएम मोदी के सुझाव के बाद डेल्फ़ इंडिया ने ओखा-बेट द्वारका ब्रिज को 300 मीटर स्पान के बजाय 500 मीटर स्पान के साथ डिज़ाइन तैयार की थी.
भारत में केबल स्टेयड ब्रिज तो बहुत हैं लेकिन ये देश का पहला सिग्नेचर ब्रिज है. इस ब्रिज का उद्घाटन पीएम मोदी 25 फरवरी को करेंगे.
यह 100 वर्षों की आयु वाला देश का सबसे लंबे स्पान वाला एकमात्र केबल स्टेयड ब्रिज है जिसके पिलर समुद्र तल से 150 मीटर ऊपर हैं.
ओखा और बेट द्वारका को जोड़ने वाले इस ब्रिज में सोलर पैनल लगाए गए हैं. ब्रिज पर वाहनों के लिए चार लेन हैं और दोनों तरफ पैदल यात्रियों के लिए 2.5 मीटर का गलियारा है.
पैदल जाने वाले दर्शनार्थियों को धूप से बचाने के लिए ऊपर कवर शेड के रूप में एक मेगा वाट का सोलर प्लांट लगाया गया है.
ब्रिज ओखा-बेट द्वारका सिग्नेचर ब्रिज की लंबाई 2300 मीटर यानी की 2.3 किलोमीटर है जिसमें केबल स्टेयड भाग की लंबाई 900 मीटर और चौड़ाई 27 मीटर है.
इस ब्रिज के मुख्य स्पान की दोनों तरफ कर्व शेप का 150 मीटर ऊंचाई वाला पिलर बना है. जिसपे मोर पंख की डिज़ाइन बनी है. इस ब्रिज को रात्रि में भी काफी दूरी से देखा जा सकेगा.
पैदल यात्री के कॉरिडोर पर हर दस मीटर पर गीता ज्ञान की नक्काशी,पत्थर की शिलाओं पर धार्मिक जानकारी की नक्काशी बनी है.
इसके साथ ही ओखा की तरफ 24 हजार वर्ग मीटर और बेट द्वारका की तरफ 16 हजार वर्ग मीटर का मुख्य पार्किंग स्पेस तैयार किया गया है.