Delhi Assembly: दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र से भाजपा के सातों विधायकों के निलंबन के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, इस मामले में हम सुनवाई कर रहे हैं, इसलिए विशेषधिकार समिति को कार्यवाही जारी नहीं रखनी चाहिए. कोर्ट ने कहा, उनके निलंबन की वजह से उनके निर्वाचन क्षेत्रों का सदन में प्रतिनिधित्व नहीं रह जाएगा.
विधायक विधानसभा में जनता के प्रतिनिधि है. इससे निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा है. वहीं विधायकों के वकील ने कोर्ट को बताया कि वो बीते दिन विधानसभा अध्यक्ष से मिले थे. विधायकों के वकील जयंत मेहता ने कोर्ट को बताया कि गुरुवार दोपहर 1 बजे तक हमें विशेषाधिकार समिति को जवाब देना है. इसके बाद दोपहर 2:30 बजे समिति उस पर आगे विचार करेगी. लेकिन, कोर्ट ने विशेषाधिकार समिति को अपनी कार्यवाही स्थगित करने को कहा है.
विधायकों ने उप-राज्यपाल से जताया खेद
मेहता ने कहा कि जिन विधायकों को निलंबित किया गया है उनके क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा है. इससे पहले कोर्ट ने सभी निलंबित विधायकों को 21 फरवरी को स्पीकर से मिलने का निर्देश दिया था. विधायकों ने कहा था कि सबने उप-राज्यपाल से मिलकर अपने किए पर खेद जता दिया है.
क्या है मामला?
दरअसल, 15 फरवरी को दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के शुरुआती दिन उप-राज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान कथित तौर पर टोकाटाकी कर बाधा डालने के आरोप मे भाजपा के कुल 8 विधायकों में से 7 को सदन में प्रस्ताव पारित कर निलंबित कर दिया गया था. इनमें मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओपी शर्मा, अभय वर्मा, अनिल वाजपेयी, जीतेंद्र महाजन और विजेंद्र गुप्ता शामिल है.
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