Shiv Navratri 2024: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में शिव नवरात्रि यानी शिव विवाह उत्सव की शुरुआत हो गई है. यह पर्व 8 मार्च यानी महाशिवरात्रि तक मनाया जाएगा. इस दौरान 9 दिनों तक बाबा महाकाल का अलग-अलग श्रृंगार किया जाएगा. शिव विवाह उत्सव कार्यक्रम का समापन 9 मार्च को दोपहर 12 बजे (साल में एक बार दोपहर में) होने वाली भस्म आरती के साथ होगा. इस दिन बाबा महाकाल अपने भक्तों को दूल्हा स्वरूप में दर्शन देंगे.
बहुत खास होती हैं यहां की शिव नवरात्रि
आपको बता दें कि महाकाल मंदिर शिव जी के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यहां की महाशिवरात्रि अपने आप में भव्य और दिव्य है. शिव नवरात्रि का समय यहां बहुत खास होता है. महाकाल के मंदिर में भगवान महाकाल यानि शिव जी के 9 दिन 9 अलग-अलग रूपों के दर्शन किए जाते हैं. इसलिए इन 9 दिनों का विशेष महत्व है. आइये जानते हैं आज से किस दिन कौन से स्वरूप में दर्शन देंगे बाबा महाकाल…
वीरभद्र को अर्पित किया गया जल
आज यानी 29 फरवरी से शिव नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. आज सुबह 8 बजे 11 पंडितों ने बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन व अभिषेक किया गया. आज भगवान वीरभद्र को जल अर्पित कर महाकाल के गर्भगृह में जाने की आज्ञा ली सभी पंडितों द्वारा ली गई है. दोपहर 3 से 5 बजे तक भगवान महाकाल को मेखला अर्पित किए जाएंगे. जिसके बाद शाम ढलने पर यानी 7 बजे आरती से पहले बाबा का श्रृंगार उतारा जाएगा.
पहले दिन का श्रृंगार
शिवरात्रि से पहले के 9 दिन विशेष हैं. शिव नवरात्रि के पहले दिन बाबा महाकाल का चंदन से श्रृंगार किया जाता है और जलाधारी पर हल्दी चढ़ाई जाती है.
दूसरे दिन का श्रृंगार
दूसरे दिन बाबा महाकाल का शेषनाग रूप में श्रृंगार किया जाता है, इस दिन बाबा महाकाल भक्तों को शेषनाग रूप में दर्शन देंगे.
तीसरे दिन का श्रृंगार
तीसरे दिन बाबा महाकाल भक्तों को घटाटोप रूप में दर्शन देंगे.
चौथे दिन का श्रृंगार
चौथे दिन बाबा महाकाल का छबीना श्रृंगार किया जाता है, जो कि एक नवयुवक स्वरूप होता है. बाबा महाकाल का श्रृंगार एक राजकुमार की तरह किया जाता है.
पांचवें दिन का श्रृंगार
शिव नवरात्रि के पांचवें दिन महाकाल बाबा को होलकर परंपराओं के अनुसार सजाया जाएगा.
छठवें दिन का श्रृंगार
शिव नवरात्रि के छठवें दिन बाबा महाकाल को मनमहेश के रूप में सजाया जाएगा, इस रूप में भगवान शिव के रूप में महाकाल का श्रृंगार होगा.
सातवें दिन का श्रृंगार
सातवें दिन बाबा महाकाल माता पार्वती के साथ उमा-महेश के रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं, इस दिन महाकाल बाबा और मां पार्वती दोनों का स्वरूप भक्तों को दिखता है.
आठवें दिन का श्रृंगार
आठवें दिन बाबा महाकाल शिव तांडव के रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं, इस स्वरूप में महाकाल का रौद्र रूप भक्तों को देखने को मिलता है.
नवें दिन का श्रृंगार
शिव नवरात्रि के आखिरी दिन में महाकाल को दूल्हे के रूप में सजाया जाता है. कई क्विंटल फूलों का सेहरा बाबा को पहनाया जाता है.
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