What is Dry Ice: हाल ही में एक मामला हरियाणा के गुड़गांव से सामने आया था. यहां के रेस्तरां में माउथ फ्रेशनर का प्रयोग करने के कारण 5 लोगों के मुंह से खून आने लगा. जांच में पता चला कि एक वेटर ने गलती से उन्हें माउथ फ्रेशनर की जगह ड्राई आइस (Dry Ice) परोस दिया था. जिसका सेवन करने के कारण सभी को परेशानियों का सामना करना पड़ा.
जैसे ही लोगों ने ड्राई आइस का सेवन किया उनको मुंह में जलन का अनुभव हुआ जिसके बाद मुंह से ब्लीडिंग होने लगी. कुछ लोगों को उल्टियां होने लगीं और स्थिति गंभीर हो गई है. सभी लोगों को अस्पताल ले जाया गया. जहां पर पूरे प्रकरण का पता चला. आइए आपको बताते हैं कि ड्राई आइस के सेवन से किस प्रकार की समस्या हो सकती है.
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जानिए क्या होती है Dry Ice?
आपको बता दें कि ड्राई आइस एक प्रकार की सूखी बर्फ है. इसका तापमान -80 डिग्री तक होता है. जानकारी दें कि यह पूरी तरीके से ठोस कार्बन डाइऑक्साइड से बना होता है. इसको आप ऐसे समझ सकते हैं कि जैसे ही आप नॉर्मल बर्फ को मुंह में रखते हैं वह पानी बनकर पिघलता है. ठीक इसके उलट ड्राई आइस पिघलने पर सीधे कार्बन डाइऑक्साइड गैस में फैल जाता है.
जानकारी दें कि ड्राई आइस का प्रयोग हमेशा असाधारण रूप से कम तापमान के कारण किराने के सामान और मेडिकल चीजों को स्टोर करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा इसका प्रयोग फोटोशूट और थिएटर में भी होता है.
सेहत के लिए है हानिकारक
आपको बता दें कि ड्राई आइस शरीर के लिए काफी हानिकारक होता है. इस ड्राई आइस का प्रयोग अगर आप करते हैं तो मुंह की गर्मी से पिघलेगी और तुरंत पूरे मुंह में फैल जाएगी. मुंह में जाने के बाद जैसे ही ये बर्फ पिघलेगी ये पानी की जगह कार्बन डाइऑक्साइड गैस में बदल जाती है और आस-पास के टिशूज और सेल्स को नुकसान करती है. इसके फैलने से इंसान बेहोश तक हो सकता है. कई मामलों में तो मौत तक की स्थिति सामने आ जाती है.
जानकारों का कहना है कि इसे खाने के बारे में तो छोड़िए ड्राई आइस को अपनी स्किन से भी दूर रखें. अगर आप इसे छू रहे हैं तो हमेशा चमड़े के दस्ताने पहनकर या फिर कपड़े या तौलिए का प्रयोग करके ही छुएं. जैसे ही ये ड्राई आइस स्किन के संपर्क में आती है ये ब्लीडिंग का कारण बन सकती है.
आपको जानना चाहिए कि कार्बन डाइऑक्साइड के कारण सिरदर्द, चक्कर आना, सांस लेने में कठिनाई, कंपकंपी, भ्रम और कानों में घंटियां बजने जैसी समस्याएं हो सकती हैं. कई बार ज्यादा संपर्क में आने के कारण कोमा और मृत्यु तक जैसी स्थिति हो सकती है.
(लेख में दी गई जानकारी सामान्य मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर लिखी गई है. द प्रिंटलाइंस इसकी पुष्टी नहीं करता है.)