CM Mohan Yadav: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के बाद से बड़ी संख्या में राम भक्त आ रहे हैं. हर भक्त रामलला के दर्शन के लिए आतुर है. रामनगरी अयोध्या में इन दिनों देश ही नहीं, बल्कि विदेश से भी राम भक्त आ रहे हैं. बता दें कि यहां आम भक्तों के अलावा देश के अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री भी अपनी कैबिनेट के साथ रामलला के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं.
इसी क्रम में मध्य प्रदेश के सीएम मख्यमंत्री मोहन यादव और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने सोमवार को एक साथ रामलला सरकार के दर्शन पूजन किए. इस दौरान एमपी के सीएम मोहन यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार से अयोध्या में धर्मशाला और घाट बनवाने की अनुमति मांगी.
एमपी और यूपी का रिश्ता 2000 साल पुराना
रामनगरी अयोध्या पहुंचे एमपी के सीएम मोहन यादव ने कहा कि ”हमारी इच्छा है कि अगर उपयुक्त जगह मिली तो मध्यप्रदेश से आने वाले लोगों के लिए अयोध्या में एमपी भवन बनाया जाएगा. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश का रिश्ता 2000 साल का है. बरसों पहले राजा विक्रमादित्य ने अयोध्या आकर राम मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था. अगर उत्तर प्रदेश सरकार हमें जमीन उपलब्ध कराती है तो हम अयोध्या में मध्य प्रदेश भवन का निर्माण करेंगे. इससे मध्य प्रदेश के यात्रियों के लिए एक सुविधा केंद्र बनेगा. हम सरयू नदी के किनारे राजा विक्रमादित्य के नाम पर एक घाट भी विकसित करेंगे.”
बदल रही अयोध्या की तस्वीर
गौरतलब है कि धार्मिक नगरी अयोध्या का विकास दिन रात हो रहा है. लगभग 35000 करोड़ रुपए से अयोध्या की तस्वीर बदली जा रही है. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद से यहां अंतराष्ट्रीय लेवल पर पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है. साथ ही बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं. रामनगरी अयोध्या में जो भी आ रहा है वो भाव विभोर हो जा रहा है. अयोध्या की छटा देखने के बाद ऐसा लग रहा है मानो सच में त्रेता युग आ गया है. शायद यही वजह है कि मध्य प्रदेश की मोहन सरकार यूपी सरकार से अतिथि भवन के लिए जमीन मांग रही है.
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