Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सांसारिक कार्य करते समय हम भगवान को न भूल जाएं- इस बात का हमेशा ख्याल रखें।हिरण्याक्ष का अर्थ है- सुवर्ण पर नजर रखने वाला लोभी आदमी। आंखों में प्रेम रखो, पैसा नहीं। आंखों से तो अमृत की वर्षा होनी चाहिए। जिसकी आंख में पैसा बसा हुआ है, वह बहुत पाप करता है क्योंकि पाप का बाप लोभ है। लोभ दिन-दिन बढ़ता ही जाता है। लाभ होने पर भी लोभ को कभी संतोष नहीं होता।
लोभी मंदिर में जाता है तो भी उसकी आंखें पैसे पर लगी रहती है। आंख में पैसा रहेगा तो खूब पाप होगा और धरती रसातल में चली जाएगी। अतः आँख में पैसा नहीं प्रेम रखो। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला- मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर(राजस्थान).