Holi 2024: होली के दिन क्यों पीते हैं भांग? जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा

Raginee Rai
Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Raginee Rai
Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Bhang On Holi: रंगोत्‍सव होली हिंदुओं का प्रमुख त्‍योहार है. देशभर में यह त्‍योहार बड़े ही हर्षोल्‍लास के साथ मनाया जाता है. इस बार होली 25 मार्च 2024, दिन सोमवार को मनाई जाएगी. वहीं 24 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा. होली का त्‍योहार आने से पहले लोगों में इसे लेकर उत्‍साह देखने को मिलता है. पहले से ही लोग इसकी तैयारी मे लग जाते हैं. बाजारों में रंग और गुलाल की खुशबू उड़ने लगती है. पूरा माहौल रंगीन हो जाता है. होली पर घर-घर नाना प्रकार के पकवान बनाएं जाते हैं.

इस पावन अवसर पर लोग एक दूसरे को रंग, अबीर लगाते हैं. इस दिन भांग की ठंडाई पीने की भी परंपरा है. भांग की ठंडाई पीकर लोग मस्‍तमौला होकर झूमने लगते हैं. क्‍या आप जानते हैं कि होली पर भांग पीने की परंपरा क्यों और कैसे शुरू हुई. अगर नहीं, तो आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं…

भांग पीने के पीछे की कथा

होली के पावन अवसर पर भांग पीने का वर्णन पौराणिक ग्रंथ शिव पुराण की एक कथा में मिलता है. कथा के अनुसार, विष्णु देव के परम भक्त प्रहलाद, राक्षस हिरण्यकश्यप के पुत्र थे. भगवान विष्‍णु की भक्ति करने के कारण प्रहलाद के पिता उन पर घोर अत्याचार करते थे और उनको हमेशा मारने की कोशिश करते थे. राक्षण हिरण्यकश्यप से प्रहलाद की रक्षा के लिए विष्णुजी ने नरसिंह का रूप धारण किया और हिरण्यकश्यप का वध कर दिया. राक्षण का वध करने के बाद भी विष्‍णुजी  के नरसिंह अवतार का क्रोध शांत नहीं हुआ, तब उनके क्रोध को शांत करने के लिए महादेव ने शरभ अवतार लिया.

भगवान शिव के शरभ अवतार के शरीर का आधा हिस्‍सा सिंह, आधा हिस्‍सा मनुष्य का, आधा हिस्‍सा शरभ नामक एक जंगली पक्षी का था, जो शेर से भी ज्यादा शक्तिशाली था, साथ ही उसके आठ पैर थे. जब भोलेनाथ के शरभ अवतार ने भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार को परास्त कर दिया, तब जाकर नरसिंह भगवान का क्रोध शांत हुआ. भगवान नरसिंह ने अपना छाल भगवान शिव को आसन के तौर पर दे दिया.

इसके बाद कैलाश में शिव के सभी गणों ने खुश होकर उत्सव मनाया और भांग पीकर मस्त होकर नृत्य करने लगे. तभी से होली के दिन भांग पीने का परंपरा शुरू हो गई. आज भी भक्‍तगण भगवान शिव और विष्णु की इस लीला की याद में होली के पावन अवसर पर भांग पीकर मस्त होकर झूलने लगते हैं.

इस वजह से भी किया जाता है भांग का सेवन

आयुर्वेद में भांग को एक जड़ी बूटी के तौर पर देखा जाता है. मान्‍यता है कि समुद्र मंथन के दौरान जब शिवशंकर ने अपने कंठ में विष धारण किया था, तब विष के प्रभाव से उनके शरीर में बहुत अधिक जलन होने लगी थी. तब जलन को शांत करने के लिए उनको भांग, धतूरा और जल अर्पित किए गए. भांग की तासीर ठंडी होने से भगवान शिव को जलन से राहत मिली. होली के मौके पर लोग कई तरह के पकवान खाते हैं. ऐसे में भांग औषधि के रूप में पाचक का काम करती है. इसके अलावा भांग के सेवन से लोगों की चिंताएं और तनाव दूर होती है और लोग खुलकर त्योहार का आनंद लेते हैं.

ये भी पढ़ें :- Holika Dahan 2024 Upay: होलिका दहन के दिन जरूर करें ये उपाय, सभी कष्टों से मिलेगा छुटकारा

 

 

Latest News

African country: हैती नरसंहार में 70 लोगों की मौत, घर छोड़ने पर मजबूर हुए हजारों लोग

Haitian Gang Kills at least 70 People: हैती में हुए सामूहिक नरसंहार में मारे गए लोगों की संख्‍या बढकर...

More Articles Like This