PPF Investment: आज हमारे पास निवेश करने के कई साधन मौजूद हैं. निवेश के लिए सरकार की तरफ से भी कई स्कीम चलाई जा रही है. इन स्कीमों में पीपीएफ स्कीम भी शामिल है. पीपीएफ स्कीम के पब्लिक प्रोविडेंट फंड के जरिए लोगों को लंबे समय के लिए इंवेस्ट करते हैं. इसका लॉकइन पीरियड होता है. इसके जरिए 15 साल तक पीपीएफ में पैसा जमा करना होता है. वहीं, मैच्योरिटी पर अमाउंट मिलता है. हालांकि, इसमें कुछ बातों का खास ध्यान रखना पड़ता है.
अगर पीपीएफ अकाउंट किसी वित्त वर्ष में नहीं मिनिमम इंवेस्टमेंट
आपको बता दें कि एक बात लोगों को बहुत अच्छे से ध्यान रखनी होगी. ये ध्यान रखना होगा कि अगर किसी वित्त वर्ष में आप 500 रुपये का मिनिमम इंवेस्टमेंट भी नहीं करते हैं, तो आपका पीपीएफ अकाउंट निष्क्रिय हो जाएगा. इस वजह से खाते में मिलने वाले ब्याज पर भी असर पड़ेगा.
रखना होगा मिनिमम बैलेंस
दरअसल, साल में अपने पीपीएफ अकाउंट में मिनिमम बैलेंस जरूर डलना चाहिए. इससे आपका पीपीएफ अकाउंट निष्क्रिय नहीं होता है. वहीं, अगर पीपीएफ अकाउंट निष्क्रिय होता है, तो कुछ पेनेल्टी अमाउंट के जरिए वापस पीपीएफ अकाउंट शुरू कराया जा सकता है.
ब्याज में बदलाव
अगर पीपीएफ में अकाउंट खुलवा लिया है, तो इसके ब्याज को लेकर काफी ध्यान रखना चाहिए. दरअसल, पीपीएफ अकाउंट में एक निश्चित दर से ब्याज दिया जाता है. हर तीन महीने में पीपीएफ अकाउंट में दिए जाने वाले ब्याज दर की समीक्षा की जाती है. वहीं अगर जरूरी लगा तो पीपीएफ अकाउंट में दिए जाने वाले ब्याज में बदलाव भी किया जाता सकता है.
ब्याज दर
आपको बता दें कि पीपीएफ अकाउंट में सरकार 7.1 फीसदी का सालाना ब्याज मुहैया कराती है. इस स्कीम के तहत लोगों को हर वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपये का इंवेस्टमेंट जरूर करना है. इस स्कीम में एक साल में अधिक से अधिक 1.5 लाख का इंवेस्टमेंट कर सकते हैं.
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