Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सर्वत्र हरि दर्शन- कथा सुनने के बाद जीवन में परिवर्तन होना चाहिए. प्रत्येक जीव को हरि दर्शन की प्यास है. अपनी इस प्यास को बुझाने के लिए ही वह धरती पर आया है. इस प्यास को बुझाने के लिए वह मंदिर में जाता है और मूर्ति के दर्शन करता है. किंतु मूर्ति के दर्शन करना तो सामान्य दर्शन है. क्योंकि वहां प्रभु का प्रत्यक्ष तेजोमय रूप दिखाई नहीं देता है.
प्रत्येक में प्रभु का दर्शन करना ही असाधारण दर्शन है, क्योंकि उनमें प्रभु की साक्षात चैतन्ययमयी प्रतिभा का विलास दिखाई देता है. प्रत्येक में प्रभु के दर्शन की आदत डालोगे, तो धन्य बन जाओगे. किसी को भी स्त्री या पुरुष के भाव से न देखते सबको भगवत भाव से देखो.
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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