CM Kejriwal Arrested By ED News: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति मामले में ईडी ने गुरुवार रात गिरफ्तार कर लिया. इस गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली के सीएम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. वहीं, आज ईडी सीएम केजरीवाल को पीएमएलए कोर्ट में दोपहर 2 बजे पेश करेगी. इससे पहले केजरीवाल ने देश की सर्वोच्च न्यायालय का रूख किया है.
देश में ये पहला मौका है जब किसी सीटिंग सीएम को गिरफ्तार किया गया हो. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या सीएम केजरीवाल अपने पद से इस्तीफा देंगे. हालांकि, आम आदमी पार्टी ने पहले ही कहा था कि अगर अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार होते हैं तो दिल्ली सरकार जेल से ही चलेगी. संवैधानिक रूप से ये कितना सही है आइए आपको इससे जुड़े नियमों के बारे में बताते हैं.
जेल जाने से पहले देना होता है इस्तीफा?
भारत में किसी भी सीएम या मंत्री को जेल जाने के कारण त्यागपत्र नहीं देना पड़ता है. यहां पर मामला आरोप और दोषसिद्धि का होता है. किसी भी मामले में अगर कोई व्यक्ति केवल आरोपी है तो कानूनी रूप से उसे पद से नहीं हटाया जा सकता. अगर उदाहरण के तौर पर देखें तो कई ऐसे विधायक और सांसद रहे हैं, जो जेल में रहते हुए चुनाव लड़े साथ ही जीत भी दर्ज की. लेकिन अगर किसी भी नेता पर लगे आरोप सिद्ध होते हैं और उसे सजा मिलती है तो उसे पद से हटाया जा सकता है. इतना ही नहीं 6 साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक होती है.
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दिल्ली की सरकार जेल से चलेगी?
आपको बता दें कि दिल्ली में शराब घोटाले मामले में मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले से ही जेल में हैं. अब इस मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. जिनको आज ईडी कोर्ट में पेश करेगी. हालांकि, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पहले ही कहा था कि अगर सीएम अरविंद केजरीवाल को जेल भेजा जाता है तो भी सीएम पद पर वही रहेंगे. आप के नेताओं ने पहले यह साफ कर दिया था कि आवश्यक हुआ तो जेल से ही कैबिनेट भी चलेगी. आप नेताओं ने यह भी कहा कि जरुरत पड़ने पर अधिकारी किसी भी काम के लिए जेल जाएंगे और काम करेंगे.
जानिए क्या कहते हैं नियम
आपको जानना चाहिए कि देश के संविधान में ऐसा कोई नियम नहीं है, जिसमें जेल जाने के साथ ही किसी सीएम को अपने पद से इस्तीफा देना पड़े. हालांकि, सामान्यतः जेल से सरकार चला पाना लोकतांत्रिक रूप से सही नहीं है. जेल जाने के बाद जेल के नियमों का पालन करना ही पड़ता है. चाहें कोई आम नागरिक हो या फिर किसी भी राज्य का सीएम हो. जेल में किसी प्रकार के अधिकारियों के साथ मीटिंग, कैबिनेट मीटिंग संभव नहीं है. जेल से किसी राज्य की सरकार चला पाना संभव नहीं है.
जानिए पहले के उदाहरण
उल्लेखनीय है कि इससे पहले ईडी ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन पर भी शिकंजा कसा था. हालांकि, उन्होंने गिरफ्तारी से पहले इस्तीफा दे दिया था और राज्य के नए सीएम चपई सोरेन बने थे. वहीं, इससे पहले के उदारहण देखें तो लालू प्रसाद यादव ने जेल जाने से पहले अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सीएम बनाया था. वहीं, मध्य प्रदेश की सीएम रहने के दौरान साल 2004 में उमा भारती के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निकला था, जिस कारण सीएम पद की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. सीएम केजरीवाल के मामले में पहला मौका है जब कोई सीटिंग सीएम गिरफ्तार हुआ है.
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