Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, हम लोग दुःखी हैं, क्योंकि हम लोग भगवान को भूल गये हैं. उनके उपकारों को भूल गये हैं. मृत्यु का अर्थ है- परमात्मा के दरबार से आने वाली इन्कम-टैक्स की मुद्दत. मृत्यु का अर्थ है- प्रभु के घर पर जीवन का हिसाब देने के लिए जाने का दिन-विशेष. हिसाब में घोटाला होगा तभी वहां जाने में घबराहट होगी. जिसका हिसाब रत्ती-रत्ती सही है, वह क्यों डरे?
इन्कम-टैक्स की मुद्दत के समय मनुष्य मंदिर में जाकर भगवान के चरणों में ग्यारह रूपये भेंट रखता है और कहता है, ‘भगवान आज ऑफिसर की आंख में धूल झोंक कर मुझे अपने खोटे बही-चोपड़े पास करवाने हैं! सो मेरी रक्षा करना. कैसी विचित्र स्थिति है. हम तो अपने पाप-कर्म में परमात्मा को भी घसीट रहे हैं. मनुष्य शायद धोखा खा जाय, पर परमात्मा को धोखा नहीं दिया जा सकता, क्योंकि वह तो तन और मन दोनों की जाने वाला है.
अतः जीवन के बही-चोपड़ों में घोटाला न हो और प्रभु के घर जाने जाते समय घबराहट पैदा न हो- इस दृष्टि से आज से ही सावधान हो जाना चाहिए. सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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