Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भक्तिमय ज्ञान- प्रभु का दास कभी उदास नहीं होता। श्रीकृष्ण के बिरह में तड़पती हुई गोपियों को सांत्वना प्रदान करने के लिए जब उद्धव जी ने ज्ञान की बातें कही, तब सतत कृष्ण-स्मरण के कारण कृष्णमय बनी हुई गोपियां उद्धव के शुष्क ज्ञान पर बड़ी नाराज हुईं। इसका कारण यह है कि उद्धव का ज्ञान दम्भ युक्त था, अतः शुष्क बन गया था।
ज्ञान अच्छा है, पर ज्ञान का अभिमान बुरा है। ज्ञान का अभिमान बहुत से पाप कराता है, क्योंकि गंदगी पर बैठने वाली मक्खी के समान दूसरों के दोष देखने की उसकी आदत होती है। ऐसा सुखा ज्ञान हमें नहीं चाहिए। हमें तो भक्तिमय ज्ञान की आराधना से ही परमात्मा को पहचानना है।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना,श्री दिव्य घनश्याम धाम , श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर(राजस्थान).