T+0 Settlement: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के जारी निर्देशों के अनुसार, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) टी+0 सेटलमेंट (T+0 settlement) का एक बीटा वर्जन शुरू करेगी. गुरुवार यानी 28 मार्च 2024 को T+0 settlement का बीटा वर्जन लॉन्च किया जाएगा. अभी तक घरेलू शेयर बाजार T+1 सेटलमेंट साइकल के तहत ट्रेडिंग करता है.
बीएसई ने एक नोटिस में कहा कि टी+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन की शुरुआत के बाद,लेनदेन शुल्क, एसटीटी और विनियामक/कारोबार शुल्क जैसे सभी चार्जेज/फीस जो T+1 सेटल सिक्योरिटी के लिए लागू होते हैं, वे T+0 सेटल सिक्योरिटी के लिए भी लागू होंगे.
BSE ने नोटिस में और क्या कहा?
बीएसई ने कहा कि कारोबारी सदस्यों से निवेदन है कि वे सेबी सर्कुलर नंबर SEBI/HO/MRD/MRD-PoD-3/P/CIR/2024/20 दिनांक 21 मार्च, 2024 इक्विटी कैश मार्केट में मौजूदा T+1 सेटलमेंट साइकल के अतिरिक्त वैकल्पिक आधार पर T+0 रोलिंग सेटलमेंट साइकल का बीटा वर्जन का इंट्रोडक्शन देखें. ट्रेडिंग मेंबर्स ध्यान दें कि बीएसई गुरुवार, 28 मार्च, 2024 से टी+0 सेटलमेंट मैकेनिज्म के तहत सिक्युरिटीज में कारोबार शुरू करेगा. हालांकि, टी+0 कीमतों को सूचकांक गणना में नहीं माना जाएगा. T+0 सेटलमेंट साइकल का मतलब उसी दिन निपटारा होता है.
क्या है टी+0 सेटलमेंट?
T+0 सेटलमेंट में एक ही दिन में शेयर की खरीदारी और बिक्री का सेटलमेंट होगा. इसमें सभी निवेशक शामिल हो सकते हैं. इस सेटलमेंट के पहले फेज में सेम-डे सेटलमेंट लागू होगा, जिसके बाद खरीददार को उसी दिन शेयर अलॉट होगा और बेचने वालों को उसी दिन पैसर मिल जाएगा.
इसमें यदि आप ट्रेडिंग-डे पर 1:30 बजे तक शेयरों का ट्रेडिंग करेंगे तो शाम 4:30 बजे तक उनका सेटलमेंट हो जाएगा. वहीं, दूसरे फेज में 3:30 बजे तक किए गए सभी ट्रांजेक्शन के लिए एक ऑप्शनल इमीडिएट ट्रेड-बाय-ट्रेड सेटलमेंट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
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