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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
La Salinas Village: लड़का या लड़की होना कुदरती देन है. हमारा जेंडर जन्म से पहले ही तय हो जाता है. लेकिन आज कल मेडिकल साइंस की दुनिया ने इतनी तरक्की कर ली है कि सर्जरी के माध्यम से अब जेंडर तक में परिवर्तन कर सकता है. दुनिया में आपको ऐसे कई लोग देखने को मिल जाएंगे, जिन्होंने सर्जरी के जरिए अपना जेंडर चेंज कराया है. हालांकि ऐसा करना सर्जरी के माध्यम से ही संभव है. लेकिन, क्या आपको मालूम है कि हमारी धरती पर एक ऐसा गांव भी है, जहां लड़कियां जब युवावस्था में आती हैं, तो वो लड़कों में बदल जाती हैं. वो भी बीना किसी सर्जरी के? जी हां, ये बात आपको हैरान जरूर कर रही होगी.
लेकिन, यह बिल्कुल सच है. इस गांव की यह रहस्यमयी पहेली वैज्ञानिकों के लिए भी चुनौती बनी हुई है. दशकों से यहां पर वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं. लेकिन, अभी तक इस रहस्य के तह तक नहीं पहुंच सके हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, डोमिनिकन रिपब्लिक देश में ला सेलिनास नामक गांव की यह कहानी है, जो वैज्ञानिकों के लिए भी रहस्य बना हुआ है. यहां की लड़कियों का एक खास उम्र के बाद जेंडर अपने आप चेंज हो जाता है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यहां लड़कियों के लड़का बनने को लेकर वैज्ञानिक दशकों से रिसर्च कर रहे हैं, परन्तु अभी तक ये पता नहीं लगा सकें हैं कि आखिर लड़कियां लड़का कैसे बन जाती हैं. लड़कियों के लड़का बन जाने के कारण ही यहां के लोग इस गांव को श्रापित गांव मानते हैं.
12 साल की उम्र में बन जाती हैं लड़का
ला सेलिनास गांव की कई लड़कियां 12 वर्ष की उम्र में आते-आते लड़के में तब्दील होने लगती हैं. गांव की लड़कियों के लड़का बनने की ‘बीमारी’ की वजह से यहां के लोग काफी परेशान रहते हैं. इस कारण गांव के कई लोगों का मानना है कि यहां किसी अदृश्य शक्ति का साया है. इसके अलावा कुछ बुजुर्ग गांव को श्रापित मानते हैं. इस तरह के बच्चों को ‘ग्वेदोचे’ कहा जाता है. स्थानीय भाषा में इस शब्द का अर्थ किन्नर होता है. जब गांव में किसी के घर लड़की का जन्म होता है, तो उस परिवार में मातम पसर जाता है. क्योंकि, उन्हें डर होता है कि उनकी बेटी बड़ी होने पर लड़का बन जाएगी. इस बीमारी के कारण गांव में लड़कियों की संख्या काफी कम होती जा रही है. इस रहस्यमयी बीमारी की वजह से आस-पास के गांव के लोग इस गांव को बुरी नजर से देखते हैं.
अनुवांशिक है यह बीमारी
समुद्र किनारे बसे इस गांव की आबादी करीब 6 हजार है. अपने अनोखे आश्चर्य की वजह से यह गांव दुनियाभर के शोधकर्ताओं के लिए रिसर्च का विषय बना हुआ है. वहीं दूसरी ओर डॉक्टर कहते हैं कि ये बीमारी ‘आनुवंशिक विकार’ है. स्थानीय भाषा में इस बीमारी से ग्रसित बच्चों को ‘सूडोहर्माफ्रडाइट’ कहा जाता है. जिन भी लड़कियों को यह बीमारी होती है, एक उम्र में आने के बाद उनके शरीर में पुरुषों जैसे अंग बनने लगते हैं. उनकी आवाज भारी होने लगती और शरीर में वे बदलाव आने शुरू हो जाते हैं, जो धीरे-धीरे उन्हें लड़की से लड़का बना देते हैं. गांव का 90 में से एक बच्चा इस रहस्यमयी बीमारी से जूझ रहा है.
शोध का विषय बना है ये गांव
बता दें, इस अद्भुत बदलाव के चलते ये गांव शोध का विषय बना हुआ है. कई शोधकर्ताओं ने इस बीमारी का इलाज खोजने की कोशिश की, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिल सकी है. दुनियाभर के शोधकर्ता लगातार यहां पर रिसर्च कर रहे हैं.
बीमारी से ग्रसित लड़की ने कही ये बात
रिपोर्ट के अनुसार, इस गांव की रहने वाली एक लड़की, जिसका नाम जॉनी है, ने लड़की से लड़के में तब्दील हो जाने का अनुभव शेयर करते हुए कहा, “मुझे लड़कियों के रूप में कपड़े पहनना पसंद नहीं था और जब मुझे लड़कियों के खिलौने मिले तो, मुझे अच्छा नहीं लगता था. लेकिन, जब मैं लड़कों के ग्रुप देखता तो मैं उनके साथ गेंद खेलने के लिए रुक जाता.”