Mukhtar Ansari: माफिया मुख्तार अंसारी की दो दिन पहले तबियत बिगड़ने की खबर मिलते ही उनके शुभचिंतकों की चिंता बढ़ गई थी. वह उसके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे थे. इसी बीच गुरुवार की दे रात जैसे ही मीडिया के माध्यम से इनके नाते-रिश्तेदारों और करीबियों को उनके मौत की खबर मिली, उनकी बेचैनी बढ़ गई. इस घटना के संबंध में पल-पल की जानकारी लेने के लिए उनकी नजरें टीवी पर टिक गई.
मालूम है कि दो दिन पहले 26 मार्च को बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने जेल प्रशासन से पेट में दर्द की शिकायत की थी. इसके बाद उसे तत्काल ही मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने ओवर ईटिंग और कब्ज बताकर इलाज किया था और 14 घंटे बाद उसी दिन देर शाम उसे वापस मंडलीय कारागार भेज दिया था. इधर, गुरुवार शाम साढ़े सात बजे के आसपास अचानक मुख्तार की तबीयत दोबोरा से बिगड़ने पर प्रशासन ने तत्काल उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. प्रशासन की माने तो इलाज के दौरान मोख्तार की मौत हो गई.
उधर, माफिया मोख्तार की मौत की खबर पूरे प्रदेश में जंगल की आग की तरह फैल गई. खासकर उसके नाते-रिश्तेदारों और उससे जुड़े लोगों की बेचैनी बढ़ गई. माफिया की मौत से प्रशासन भी अर्लट मोड पर आ गया. मोख्तार की मौत की बात कहा तक सच्ची है, इसकी जानकारी करने के लिए माफिया के नाते-रिश्तेदारों के साथ ही अन्य लोगों की नजरें टीवी पर टिक गई. लोग न्यूज चैनल के माध्यम से इस खबर की सच्चाई जानने में जुट गए. खासकर जरायम की दुनिया से जुड़े लोगों में अपराध के बेताज बादशाह मोख्तार अंसारी की मौत की चर्चा शुरु हो गई. वह अपने इस क्षेत्र से जुड़े लोगों से फोन सहित अन्य माध्यम से इस बात की पुष्टि करने में जुट गए कि माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की खबर झूठी या फिर सच्ची.