CBIC Guidelines for GST Investigation: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने केंद्रीय जीएसटी (CGST) अधिकारियों के लिए निर्देश जारी किए हैं. जिससे तहत गुड्स एंड सर्विस टेक्स (जीएसटी) के क्षेत्रीय अधिकारियों को अब किसी भी बड़े औद्योगिक घराने या प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनी के खिलाफ जांच शुरू करने से पहले अपने क्षेत्रीय प्रधान मुख्य आयुक्तों की मंजूरी लेनी होगी. उन्हें पहली बार वस्तुओं व सेवाओं पर शुल्क लगाने के लिए भी क्षेत्रीय प्रधान मुख्य आयुक्तों की मंजूरी लेनी होगी.
जारी दिशानिर्देश के अनुसार, जब एक करदाता की जांच राज्य GST और DGGI अधिकारी कर रहे हैं, तो प्रधान आयुक्त इस संभावना पर विचार करेंगे कि उसके संबंध में सभी मामलों को एक कार्यालय की तरफ से आगे बढ़ाया जाए. अधिकारियों के लिए जांच शुरू होने के एक साल के भीतर इसे पूरा करने की अवधि निर्धारित की गई है.
पीएसयू की जांच के लिए भेजना होगा आधिकारिक पत्र
बोर्ड ने आगे कहा कि किसी सूचीबद्ध कंपनी या सरकारी कंपनी (PSU) के संबंध में जांच शुरू करने या उनसे विवरण मांगने के लिए सीजीएसटी अधिकारियों को इकाई के नामित अधिकारी को समन भेजने के बजाय आधिकारिक पत्र जारी करना चाहिए. इस पत्र में जांच के वजहों का विवरण देना चाहिए. साथ ही उचित समय अवधि के भीतर दस्तावेजों को प्रस्तुत करने की मांग करनी चाहिए. टैक्स अधिकारियों को करदाता से वह जानकारी नहीं मांगनी चाहिए, जो जीएसटी पोर्टल पर पहले से ही ऑनलाइन मौजूद है.
लिखित में मंजूरी
सीबीआईसी ने दिशानिर्देशों में यह भी कहा है कि प्रत्येक जांच प्रधान आयुक्त के परमिशन के बाद ही शुरू की जानी चाहिए. हालांकि चार श्रेणियों में जांच शुरू करने और कार्रवाई करने के लिए क्षेत्रीय प्रधान मुख्य आयुक्त की लिखित में पूर्व मंजूरी की जरूरत होगी. इन चार श्रेणियों में किसी भी क्षेत्र/वस्तु/सेवा पर पहली बार कर/शुल्क लगाने की मांग करने वाली व्याख्या के मामले शामिल हैं. इसके अलावा बड़े औद्योगिक घराने और प्रमुख बहुराष्ट्रीय निगम से जुड़े मामले, संवेदनशील मामले या राष्ट्रीय महत्व के मामले और ऐसे मामले जो पहले से ही GST परिषद के समक्ष हैं, इसमें शामिल हैं.
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