Investment in Gold: गोल्ड में निवेश करने का बना रहे हैं प्लान, यहां जानिए कैसे लगता है टैक्स

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Investment in Gold: सोना इनवेस्‍ट के लिए ज्‍यादातर लोगों का पसंदीदा इंनवेस्‍टमेंट ऑप्‍शन बन गया है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वज‍ह सोने का शानदार रिटर्न देना है. गवर्नमेंट द्वारा चल रही सोने की बचत योजना (Gold Saving Scheme) ने इसमें निवेश के प्रक्रिया को और आसान बना दिया है. वित्‍तीय विशेषज्ञ भी सलाह देते हैं कि गोल्‍ड में निवेश करना व्‍यक्ति के लिए अच्‍छा विकल्‍प है. अगर आप निवेश के लिए जा रहे हैं, तो डिजिटल गोल्ड में इन्‍वेस्‍ट कर सकते हैं. डिजिटल गोल्‍ड में निवेश करने में आपको शुद्ध सोना तो मिलता ही है, साथ ही इसमें आप कम रुपयों से इन्‍वेस्‍ट शुरू कर सकते हैं.

डिजिटल गोल्ड और फिजिकल गोल्ड दोनों पर कर समान तरह से लगता है. लेकिन फिजिकल सोने में मेकिंग चार्जेज होते हैं. यदि आप बैंक लॉकर में इसे रखते हैं, तो उसके भी चार्जेज लगते हैं. वहीं, बात करें डिजिटल गोल्ड की तो इसमें इस तरह के चार्जेज नहीं होते.

यहां जानिए सोने में इन्‍वेस्‍ट के विकल्पों पर टैक्स

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में टैक्स के अलग नियम होते हैं. यदि आप इन्हें खरीदने के 3 साल के अंदर सैकेंडरी मार्केट में बिक्री कर देते हैं, तो इन पर आपकी स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगेगा. लेकिन अगर आप इन्हें तीन साल होल्ड करने के बाद सेल करते हैं, तो इन पर इंडेक्सेशन के बाद 20 प्रतिशत का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा.

आप इन्हें मैच्योरिटी तक रखते हैं, तो इन पर कोई कर नहीं लगता है. इन बॉन्ड्स की मैच्योरिटी अवधि 8 वर्ष की होती है और 5 वर्ष बाद इनमें अर्ली रिडेम्पशन का ऑप्शन भी मिलेगा. इन बॉन्ड्स पर मिलने वाली 2.5 प्रतिशत की एनुअल इनकम पर टैक्स स्लैब के मुताबिक लगेगा.

गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF)

ईटीएफ पर होने वाली आय पर इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा. आप इन्हें कब बेचें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. एएमएफआई के आंकड़ों के मुताबिक, 29 फरवरी 2024 तक के आंकड़ों के अनुसार 28,529 करोड़ रुपये कुल एयूएम की 17 गोल्ड ईटीएफ स्कीम्स हैं.

फिजिकल गोल्ड (coins/ biscuitts)

फिजिकल गोल्ड में डिजिटल गोल्ड की तरह ही टैक्स लगता है. अगर यह खरीदने के 3 साल के बाद बेचा जाए, तो इस पर 20 प्रतिशत+8 प्रतिशत  के साथ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है. जब इसे 3 साल के भीतर बेचा जाता है, तो गेन्स आपकी इनकम मे जुड़ जाएगा और स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा.

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