No-Cost EMI ऑप्शन चुनने से पहले जान लें ये बातें, वरना आ सकती हैं दिक्कतें

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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No-Cost EMI: आज के समय में ई-कॉमर्स साइट्स प्‍लेटफॉर्म ने गैजेट या इलेक्ट्रॉनिक टूल्‍स खरीदना काफी आसान कर दिया है. ग्राहकों के बीच मंहगे प्रोडक्‍ट खरीदकर आसान किस्‍तों के पेंमेंट करने के लिए नो कॉस्‍ट ईएमआई (No-Cost EMI) काफी लोकप्रिय है. वर्तमान में कई कंपनियां और ऑनलाइन रिटेलर्स अपनी सेल बढ़ाने के लिए कस्‍टमर्स को नो-कॉस्ट ईएमआई का विकल्प देते है. इससे फ्रिज, टीवी, एसी जैसे सामान की खरीदारी पर एक मुश्त राशि के वजाय छोटी ईएमआई किस्‍तों में पैसा चुकाना होता है.

नो-कॉस्ट ईएमआई, जैसा कि नाम से पता चलता है, ये पेमेंट स्किम बिना किसी एक्स्ट्रा चार्ज की मिलती है. हालांकि, हकीकत में ऐसा नहीं है. इसमें कई कैच है, इसलिए खरीदारी करने से पहले इसके बारें में आपको जानना बहुत जरूरी है.

हिडन चार्ज

‘नो-कॉस्ट’ ईएमआई में हिडन चार्ज होता है, जैसे, प्रोसेसिंग फीस, डाउन पेमेंट का अमाउंट और अन्य प्रशासनिक शुल्क. इसलिए किसी भी बैंक या एनबीएफसी से ‘नो-कॉस्ट’ ईएमआई लेने से पहले नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ें.

चुनिंदा उत्पाद पर ही लागू 

आम तौर पर नो-कॉस्ट ईएमआई चुनिंदा उत्पादों पर लागू होता है. इलेक्ट्रॉनिक्स, गैजेट और अन्‍य महंगी वस्तुओं के लिए नो-कॉस्ट ईएमआई का विकल्प आसानी से  मिलता है. बता दें कि ये ईएमआई सभी प्रकार की खरीदारी पर नहीं मिलती है.

वित्तीय संस्थानों के साथ गठजोड़

नो-कॉस्ट ईएमआई की पेशकश करने वाले रिटेल सेल्‍समैन अक्सर यह सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिए वित्तीय संस्थानों के साथ सहयोग करते हैं. अवधि और पात्रता मानदंड समेत ईएमआई की शर्तें, खुदरा विक्रेता और वित्तपोषण संस्थान के बीच साझेदारी के आधार पर भिन्न हो सकती हैं.

क्रेडिट स्कोर पर असर

नो-कॉस्ट ईएमआई आपके क्रेडिट स्कोर पर भी असर दिखा सकता है. यदि आप समय पर ईएमआई नहीं भर पाते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है.

डाउन पेमेंट 

नो-कॉस्ट ईएमआई ब्याज मुक्त होती है, फिर भी डाउन पेमेंट की जरूरत पड़ सकती है.

चुकाने की बाध्यता 

इस सुविधा में भुगतान करने की अवधि पहले से फिक्स होती है, जिससे ग्राहकों के लिए पुनर्भुगतान अवधि चुनने का लचीलापन सीमित हो जाता है.

दूसरे विकल्पों को खंगाले

नो-कॉस्ट ईएमआई  को चुनने से पहले दूसरे विकल्पों को भी जांच लें. बैंक से लोन या क्रेडिट कार्ड से खरीदारी पर कुल लागत में कमी हो सकती है. कुछ रिटेलर छूट या कैशबैक ऑफ़र के साथ नो-कॉस्ट ईएमआई की पेशकश कर सकते हैं. हालाँकि, इन प्रोत्साहनों और ईएमआई की शर्तों के बीच कैच को समझना जरूरी है, क्योंकि कुछ डिस्‍काउंट विशिष्ट भुगतान विधियों पर निर्भर हो सकती हैं.

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