Chaitra Navratri: नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित, जानिए इनका स्वरूप, प्रिय भोग और मंत्र

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Chaitra Navratri 20024: चैत्र नवरात्रि के छठे दिन आदिशक्ति की छठवें स्‍परूप मां कात्‍यायनी की पूजा की जाती है. इस साल 9 अप्रैल से ही नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत हो चुकी है. 14 अप्रैल, रविवार को नवरात्रि का छठा दिन है. इस दिन मां अंबे के स्‍वरूप कात्‍यायानी की अराधना की जाएगी. कात्यायनी माता सफलता और यश की प्रतीक मानी जाती हैं. जो भी सच्चे मन से माता रानी की पूजा करते हैं उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है. मां कात्‍यायनी की अराधना करने से आर्थिक तंगी और विवाह में आ रही किसी भी तरह की अड़चनें दूर होती है. आइए जानते हैं मां कात्‍यायानी का स्‍वरूप, प्रिय भोग और मंत्र…

मां कात्यायनी का स्वरूप

ज्‍योतिष के अनुसार,  कात्यायन ऋषि की पुत्री के रूप में मां कात्यायनी प्रकट हुई थीं, इस वजह से इनका नाम कात्यायनी पड़ा. यह भक्तों को अभय प्रदान करती हैं. ऋषि-मुनियों को असुरों से मुक्ति दिलाने के लिए मां दुर्गा ने कात्यायनी स्वरूप धारण किया था.

कात्‍यायनी माता सुनहरे और चमकीले वर्ण वाली, चार भुजाओं वाली और रत्नाभूषणों से अलंकृत खूंखार और झपट पड़ने वाली मुद्रा में रहने वाले सिंह पर सवार रहती हैं. माता रानी का आभामंडल विभिन्न देवों के तेज अंशों से मिश्रित इंद्रधनुषी छटा देता है. बायीं ओर की ऊपर वाली भुजा में वे चंद्रहास खड्ग यानी तलवार लिए हुए रहती हैं, जबकि नीचे वाली भुजा में कमल का फूल लिए रहती हैं.

मां कात्यायनी को प्रसन्न करने के मंत्र

धार्मिक मान्यता के अनुसार मां कात्यायनी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए इन मंत्रों का जप करना चाहिए.

पूजा मंत्र

1.या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

2.चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दूलवर वाहना। कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानव घातिनी

वंदना मंत्र

कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी। नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।

जप मंत्र

ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥

बीज मंत्र

क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:

ध्यान मंत्र

स्वर्णग्य चक्र स्थिति: षष्टम दुर्गा त्रिनेत्रम। वरभीत करम षडगपदमधरम कात्यायनसुतम भजमी

मां कात्यायनी का प्रिय भोग

मां कात्यायनी को शहद बेहद प्रिय है, इसलिए पूजा के दौरान मां कात्यायनी को शहद का भोग चढ़ाएं. मान्‍यता है कि ऐसा करने से स्वयं का व्यक्तित्व निखरता है.

प्रिय फूल और रंग

कात्‍यायनी देवी को पीला और लाल रंग बेहद प्रिय है. इसलिए पूजा में आप मां कात्यायनी को लाल और पीला रंग के फूल अर्पित करें इससे मां कात्यायनी प्रसन्न होंगी.

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