अतीक-अशरफ की बेनामी संपत्ति: 8 करोड़ का मालिक निकला सफाईकर्मी

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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प्रयागराजः माफिया अतीक अहमद और अशरफ की बेनामी संपत्तियों का राज परत दर परत खुल रहा है. अतीक-अशरफ की बेनामी संपत्तियों के लिए 8 हजार महीने कमाने वाले जिस सफाईकर्मी के नाम का इस्तेमाल किया गया, वह 8 करोड़ की संपत्ति का मालिक निकला. उसके नाम फूलपुर, नैनी और हंडिया तहसील में बेशकीमती जमीनों का बैनामा कराए जाने के सबूत पुलिस के हाथ लगे हैं. फिलहाल, पांच जमीनों के बारे में पता चला है. इन संपत्तियों की जांच में पुलिस जुटी है.

एक दिन पहले ही नवाबगंज के करोली निवासी इस सफाईकर्मी श्याम जी सरोज का नाम तब चर्चा में आया, जब उसने माफिया भाइयों के चार करीबियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. उसने आरोप लगाया कि इन चारों ने अतीक-अशरफ की बेनामी संपत्तियों का बैनामा उसके नाम पर कराया. उसे बंधक बनाकर जबरदस्ती दस्तखत करवाए गए. अतीक-अशरफ की मौत के बाद उक्त संपत्तियों का बैनामा करने का दबाव भी बनाया गया.

मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच-पड़ताल में जुटी तो चौंकाने वाले खुलासे हुए. सूत्रों का कहना है कि उसके नाम पर फिलहाल, पांच जमीनों का बैनामा कराने की बात पता चली. इनमें से तीन अरैल के मीरखपुर उपरहार व मवैया और दो जमीनें हंडिया व फूलपुर के सरायइनायत में स्थित हैं. इनकी मौजूदा बाजारू कीमत आठ करोड़ आंकी गई है.

चौंकाने वाली बात यह है कि तीन साल पहले जब इन जमीनों का बैनामा कराया गया, तब वह महज आठ हजार महीने कमाता था. मामले में उसने अपने मालिक, माफिया के गुर्गों जावेद, उसके भाई कामरान और फराज अहमद खान निवासी जीटीबी नगर करेली व शुक्ला जी नाम के एक शख्स को नामजद कराया है.

इस संबंध में डीसीपी नगर दीपक भूकर ने बताया कि जिन भी संपत्तियों से संबंधित जानकारी मिली है, उनके बारे में पुलिस द्वारा और जानकारी जुटाई जा रही है. राजस्व प्रशासन के सहयोग से इन सभी का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा. इन संपत्तियों को अपराध से अर्जित संपत्ति मानकर इन्हें गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क भी कराया जाएगा.

पुलिस की पूछताछ में श्याम जी सरोज ने किए खुलासे
पुलिस की पूछताछ में श्याम जी सरोज ने अन्य खुलासे भी किए. बताया कि आरोपियों ने उसके नाम पर आईसीआईसीआई बैंक में खाता खुलवा रखा था. साथ ही चेकबुक, एटीएम व पासबुक अपने कब्जे में रखे थे. ब्लैंक चेक पर दस्तखत करा लिए थे. साथ ही समय-समय पर उसके नाम एनआई एक्ट के तहत नोटिस भी भेजते रहते थे. उनका ऐसा करने का मकसद यह था कि अगर वह इधर-उधर भागने की कोशिश करें तो उसे कानूनी शिकंजे में फंसा सके.

जाने पूरा मामला
दरअसल, श्याम जी सरोज 15 वर्ष से आरोपियों के घर पर रहकर साफ-सफाई का काम करता था. आरोप है कि इन लोगों ने अतीक अहमद व अशरफ के लिए डरा-धमका कर उसके नाम पर जनपद में कई स्थानों पर जमीनों की रजिस्ट्री करा दी. इसमें उपरोक्त तीनों के साथ उनका शुक्ला जी नाम का एक साथी भी शामिल था. इस दौरान उसे कई दिनों तक होटल में बंधक बनाकर रखा गया था.

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