नवरात्रि में कन्या पूजन के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना...

मां दु्र्गा को समर्पित नवरात्र का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है. नवरात्रि के दिन भक्त मां आदिशक्ति को प्रसन्न करने के लिए उनकी उपासना करते हैं और व्रत रखते हैं.

इस साल 03 अक्टूबर से नवरात्र की शुरुआत हो रही है, जिसका समापन 12 अक्टूबर को होगा. नवरात्र व्रत कन्या पूजन के बिना अधूरा माना जाता है.

कन्या पूजन के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, वरना मां दुर्गा रुष्ठ हो जाती हैं. आइए जानते हैं कन्या पूजन के सही नियम...

पुराणों के अनुसार, रोगी कन्याएं, अंग हीन, अंधी, कानी कन्याओं का पूजन नहीं करना चाहिए.

कन्याओं की उम्र 2-10 वर्ष की होनी चाहिए और उनकी संख्या कम से कम 9 होनी चाहिए. कन्याओं के साथ एक बालक बालक जरूर होना चाहिए.

कन्याओं को घर से विदा करने के बाद तुरंत घर की सफाई नहीं करनी चाहिए.

कन्याओं को हमेशा उनके सामर्थ्य अनुसार ही भोजन परोसें. उन्हें जबरदस्ती खाना न खिलाएं.

कन्या पूजन में खिलाने वाले भोजन में भूलकर भी लहसुन-प्याज न डालें.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)