Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश में परमाणु हथियारों को नष्ट करने के माकपा के चुनावी घोषणापत्र के वादे के पीछे की मंशा पर सवाल उठाते हुए इस मुद्दे पर कांग्रेस से अपना रुख जाहिर करने की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के परमाणु हथियारों को नष्ट करने की बात करना राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने जैसा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देश को कमजोर करने के लिए गहरी साजिश रची जा रही है. केरल राज्य के कासरगोड जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री मांग किया कि कांग्रेस को परमाणु हथियारों को नष्ट करने के माकपा के घोषणापत्र में किए गए वादे पर अपना रुख जाहिर करना चाहिए, क्योंकि इंदिरा गांधी सरकार ने ही देश का परमाणु कार्यक्रम शुरू किया था.
रक्षामंत्री राजनाथ ने कहा कि भारत ने दुनिया के 11 परमाणु संपन्न देशों में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत की और अपने परमाणु हथियारों को नष्ट करने से वह देश कमजोर देश बन जाएगा, जिससे पड़ोसी पाकिस्तान और चीन परमाणु शक्तियों से लैस होंगे. माकपा ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि परमाणु हथियारों और रासायनिक व जैविक हथियारों सहित सामूहिक विनाश के अन्य हथियारों का पूर्ण सफाया किया जाएगा. रक्षामंत्री ने आरोप लगाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि वाम दल और कांग्रेस देश को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं.
अपने संबोधन के दौरान रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारत में जिसने भी भगवान राम का विरोध किया है, उसे पतन का सामना करना पड़ा है, ऐसा ही देश में कांग्रेस और माकपा के साथ हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि I.N.D.I.A गठबंधन में सहयोगी दोनों पार्टियां भगवान राम या रामनवमी के त्योहार का महत्व नहीं समझती हैं. उन्होंने कहा, ‘इन लोगों ने रामनवमी के उत्सव में बाधाएं पैदा की हैं. हम सभी जानते हैं कि जिसने भी भगवान राम का विरोध किया है, उसे देश में पतन का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस और माकपा के साथ यही हुआ है.’
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी दावा किया कि देश की सबसे विश्वसनीय राजनीतिक पार्टी भाजपा की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है. हालांकि, कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों के कथनी और करनी अलग-अलग रहे हैं. उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि भाजपा लोकसभा चुनाव में केरल से दोहरे अंक में सीटें जीतेगी. मालूम हो कि केरल में 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव होंगे और नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे.