Durgaparameshwari Temple: कर्नाटक के मैंगलोर के कतील श्री दुर्गापरमेश्वरी मंदिर में ‘थूथेधारा’ या ‘अग्नि केली’ उत्सव का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग आग से खेलते नजर आ रहे हैं.
दरअसल, ये लोग आग से नहीं खेल रहे हैं बल्कि ये श्रद्धालु हैं जो ‘अग्नि केली’ का उत्सव मना रहे हैं. बता दें कि ये उत्सव मैंगलोर की एक बहुत पुरानी परंपरा है. इसके तहत श्रद्धालु एक-दूसरे पर जले हुए ताड़ के पत्ते फेंकते हैं. ये परंपरा कर्नाटक के दुर्गापुरमेश्वरी मंदिर में सदियों से चली आ रही है. आपको बता दें कि ‘अग्नि केली’ को ‘थूथेधारा’ के नाम से भी जाना जाता है. ये एक तरीके की पुरानी परंपरा है, जिसके तहत मैंगलोर से करीब 30 किमी की दूरी पर स्थित दुर्गापरमेश्वरी मंदिर में भक्त 8 दिनों तक आग से खेलते हैं.
जानिए ये परंपरा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अग्नि केली परंपरा दो गावों के बीच होती है. इनमें आतुर और कलत्तुर गांव के लोग शामिल होते हैं. इस परंपरा में लोग आग से खेलते हैं. इसके तहत लोग एक दूसरे पर नारियल की छाल से बनी मशाल को एक दूसरे पर फेंकते हैं. ये खेल 15 मिनट तक खेला जाता है.
ऐसी मान्यता है कि इस खेल को खेलने से उनके दुख-दर्द कम होते हैं. इस पुरानी परंपरा के अनुसार कलत्तुर और आतुर गांव के लोग आग से खेलते हैं. वहीं, हजारों भक्त उनको देखने के लिए मंदिर परिसर में जुटते हैं. देखिए वीडियो…
#WATCH कर्नाटक: मंगलुरु के कतील श्री दुर्गापरमेश्वरी मंदिर में वार्षिक उत्सव 'तूतेधारा' या 'अग्नि केली' के हिस्से के रूप में भक्तों ने एक-दूसरे पर जलते हुए ताड़ के पत्ते फेंकें। pic.twitter.com/frZC5E4V1Q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 21, 2024