3 या 04 मई कब है वरुथिनी एकादशी, जानिए शुभ मुहूर्त और सही डेट
प्रत्येक वर्ष वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को व्रत रखा जाता है. इस एकादशी व्रत को वरुथिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है.
मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी व्रत रखकर भगवान विष्णु और वराह भगवान का पूजन करने से सभी पाप कट जाते हैं. जानिए इस एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या है.
ज्योतिष की मानें, तो इस दिन किए गए दान और पूजन का फल अश्वमेध यज्ञ के बराबर होता है. आइए बताते हैं वरुथिनी एकादशी की पूजा विधि.
दरअसल, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 3 मई को रात 11:24 बजे हो रहा है, जो 4 मई की रात्रि 8 बजकर 38 मिनट पर खत्म होगा.
धार्मिक मान्यताओं की मानें, तो उदया तिथि यानी शनिवार को 4 मई के दिन वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा.
वरुथिनी एकादशी व्रत के दिन आप एक अनाज कुट्टू, आलू, नारियल और शकरकंद खा सकते हैं.
धार्मिक मान्यताओं है कि इस दिन दान करना बेहद शुभ होता है. अग गंगा नदी में स्नान करें, तो काफी पुण्य मिलता है.
इस बार बरुथिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग और वैधृति योग बन रहा है, जो बेहद शुभ है.
वरुथिनी एकादशी के दिन शंख में जल भरें और छिड़काव करें. इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी. घर में पॅाजिटिव एनर्जी आएगी.
Disclaimer: इस लेख में दी गई सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.