शादीशुदा महिलाएं क्यों पहनती हैं बिछिया, जानिए धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं के 16 श्रृंगार का विशेष महत्व है. 16 श्रृंगार में मंगलसूत्र, बिंदी, चूड़ी, झुमके, मांग टीका, बिछिया जैसी अन्य चीजें शामिल होती हैं.
पैर की अंगुलियों में पहने जाने वाली बिछिया सुहाग की निशानीयों में से एक मानी जाती है. इसे पहनने से न सिर्फ स्त्री की सुंदरता बढ़ती है, बल्कि इसके धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी हैं.
आइए आपको बताते हैं बिछिया पहनने के वैज्ञानिक कारण...
शास्त्रों के अनुसार, बिछिया पहनने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. इससे पति-पत्नी के बीच अच्छे संबंध रहते हैं.
शरीर के लिए चांदी अच्छा धातु माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसे पहनने से मां लक्ष्मी सदैव प्रसन्न रहती हैं. साथ ही नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है.
बिछिया पहनने के पीछे वैज्ञानिक कारण ये है कि महिलाओं के पैरों की 3 उंगलियों की नस सीधे उसके दिल और गर्भाशय से संबंध रखती हैं.
ऐसे में पांव की दूसरी और तीसरी उंगली में बिछिया पहनी जाती है. इससे गर्भ धारण करने की क्षमता बढ़ती है.
शास्त्रों में कुंवारी कन्याओं का बिछिया पहनना अशुभ माना जाता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)