Pakistan News: भारत का कोई पुरुष हो या स्त्री, युवा हो बच्चा हो या बुजुर्ग सभी को समान संवैधानिक अधिकार है. वहीं, भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान से ऐसी खबर आ रही है, जो आपको हैरान कर देगी. दरअसल, पाकिस्तान में छात्राओं को राजनीतिक कार्यक्रमों समेत कई तरह के समारोहों में न शामिल होने की कड़ी हिदायत दी गई है. आइए बताते हैं पूरा मामला.
जानकारी के मुताबिक ये फरमान गवर्नमेंट पोस्टग्रेजुएट कॉलेज, टाइमरगारा ने ये तुगलकी फरमान जारी किया है. निर्देश जारी करते हुए कॉलेज प्रशासन छात्राओं को परिसर में राजनीतिक कार्यक्रमों, जन्मदिन समारोहों और अन्य एक्स्ट्रा-करीकुलर एक्टिविटीज में भाग लेने से परहेज करने का निर्देश दिया है.
छात्रा हित में फरमान किया गया दावा
इस मामले में गवर्नमेंट पोस्टग्रेजुएट कॉलेज टाइमरगारा के मुख्य प्रॉक्टर प्रो. रियाज मोहम्मद ने जानकारी दी. उन्होंने औपचारिक रूप से इन निर्देशों को जारी किया है. उनकी मानें, तो इसमें स्थानीय रीति-रिवाजों का पालन करने के महत्व पर जोर दिया गया. उन्होंने कहा कि ऐसा करना छात्राओं के हित में है.
पाकिस्तानी अखबार को प्रो. मोहम्मद ने बताई वजह
पाकिस्तानी अखबार डॉन में भी ये खबर छपी है. अखबार के अनुसार प्रो. मोहम्मद ने बताया कि कुछ को-एजुकेशनल कॉलेजों में हाल ही में अप्रिय घटनाएं सामने आई. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए गवर्नमेंट पोस्टग्रेजुएट कॉलेज टाइमरगारा ने ये कदम उठाया. इसके अलावा कॉलेज प्रोफेसर रियाज़ ने बच्चों के अभिभावकों से एकेडमिक स्टैंडर्ड बढ़ाने में प्रशासनिक मदद के लिए कम्युनिकेशन बनाए रखने की अपील की है.
महिलाओं के लिए असुरक्षित है पाकिस्तान
जानकारों की मानें, तो पाकिस्तान महिलाओं के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण देशों में से एक है. उनकी चुनौतियां लगातार बढ़ती जा रही है. पाक में महिलाओं के सामाजिक अधिकारों का हनन, भेदभाव, ऑनर किलिंग, घरेलू हिंसा, बलात्कार, अपहरण, वैवाहिक दुर्व्यवहार, जबरन विवाह और गर्भपात जैसी चीजों से जूझना पड़ रहा है. ये चीजें पाकिस्तान को महिलाओं के लिए 6वीं सबसे असुरक्षित जगह बनाती है.
महिला सशक्तिकरण के मामले में इस पायदान पर पाक
पाकिस्तान में महिलाओं की असुरक्षा के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन रिपोर्ट सामने आ चुकी है, जो पाक में महिलाओं की असुरक्षा की पुष्टि करती है. द नेशन की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान महिला सशक्तिकरण के मामले में 149 देशों में 148वें पायदान पर है.
हाशिए पर हैं पाक महिलाएं?
इन सबके बीच पाकिस्तानी महिलाएं खुद को सांस्कृतिक रूप से हाशिए पर पाती हैं. वहीं, अगर महिला की साक्षरता दर की बात करें, तो महिलाएं 45 प्रतिशत साक्षर हैं. वहीं, पुरुषों की साक्षरता 69 प्रतिशत है. इसकी बड़ी वजह अशिक्षित माता-पिता, इस्लामी शिक्षा की गलत व्याख्याएं इस असमानता को और बढ़ावा देती हैं. द नेशन की रिपोर्ट में पाक में लैंगिक असमानता को लेकर चिंता जताई गई है. इसका प्रभाव पाकिस्तान में बढ़ रहा है. इस पक्षपाती रवैये को लेकर केवल समाजिक प्रतिक्रिया देना नाकाफी है.
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