Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भागवत महामहोत्सव- सभी की सेवा के द्वारा जो आनंद प्राप्त करता है, वही सभी के आशीर्वाद प्राप्त करने का अधिकारी है. सभी का आशीर्वाद प्राप्त करना बहुत मुश्किल है. सभी के आशीर्वाद न मिले तो कोई चिंता नहीं, किंतु किसी का अभिशाप न मिले- इस बात का ख्याल रखो. नंद-यशोदा को पूरा ब्रज आशीर्वाद प्रदान करता था, इसीलिए स्वयं ईश्वर की इच्छा उनकी गोदी में खेलने की हुई.
नंद-यशोदा निस्वार्थभाव से सभी की सेवा करते और सभी के साथ प्रेम करते थे, इसी से सभी के हृदय में उनके लिए प्रेम, सद्भाव और आशीर्वाद का अमृत बरसता था. हमें भी सभी के साथ इसी तरह का सेवाभाव, स्नेहभाव एवं सद्भाव रखना चाहिए, जिससे सभी की आंखों से हमारे लिए अमृत वृष्टि हो, सभी के आशीर्वाद हमारे जीवन को सार्थक करें और हमारे आंगन का आनंदोत्सव भी सभी को आंतरिक आनंद प्रदान करने वाला हो.
अपने घर को, अपना घर न मानकर प्रभु का प्रेम मंदिर मानना चाहिए. संत और शास्त्र कहते हैं- यह घर तुम्हारा नहीं, बल्कि प्रभु का प्रेम मंदिर है- इस भावना से इसमें निवास करो. सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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