New Delhi: कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) ने एक बार फिर कुछ ऐसा कहा है, जिस पर विवाद हो गया है. दरअसल सैम पित्रोदा ने भारत की विविधता पर बात करते हुए कहा कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं. लेकिन, इसके बावजूद फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं. हाल ही में सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स को लेकर टिप्पणी की थी, पित्रोदा के उस बयान पर भी खूब विवाद हुआ था.
सीएम हिमंत ने सैम पित्रोदा के बयान पर दिया जवाब
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने टिप्पणी की. एक एक्स पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा,”सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं. हम एक विविधतापूर्ण देश हैं. हम अलग दिख सकते हैं. लेकिन, हम सभी एक हैं. हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो.”
Sam bhai, I am from the North East and I look like an Indian. We are a diverse country – we may look different but we are all one.
Hamare desh ke bare mein thoda to samajh lo! https://t.co/eXairi0n1n
— Himanta Biswa Sarma (Modi Ka Parivar) (@himantabiswa) May 8, 2024
भारत की विविधता पर पित्रोदा ने कही ये बात
अंग्रेजी अखबार द स्टेट्समैन को दिए एक इंटरव्यू में सैम पित्रोदा ने कहा, ‘हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं, जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों जैसे और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी जैसे लगते हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम सभी बहन-भाई हैं. पित्रोदा ने कहा, भारत में अलग-अलग क्षेत्र के लोगों के रीति-रिवाज, खान-पान, धर्म, भाषा अलग-अलग हैं, लेकिन भारत के लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि देश के लोग 75 वर्षों तक एक सुखद वातावरण में रहे हैं, कुछ लड़ाइयों को छोड़ दें तो लोग साथ रह सकते हैं.
सैम पित्रोदा ने की थी विरासत कर की वकालत
सैम पित्रोदा ने इससे पहले विरासत कर की वकालत की थी. उन्होंने कहा था, अमेरिका में विरासत कर (टैक्स) लगता है. अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है, तो वह केवल 45 फीसदी अपने बच्चों को ट्रांसफर कर सकता है.” उन्होंने आगे कहा, “55 फीसदी सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है. यह एक दिलचस्प कानून है. यह कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए- पूरी नहीं, आधी। ये जो निष्पक्ष कानून है मुझे अच्छा लगता है.”
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