Bareilly News: बरेली में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानने के बाद कानून का मजाक बनाने वालों के होश उड़ जाएंगे. बरेली एक अदालत ने झूठे रेप के मामले में ऐसा फैसला सुनाया है, जो नजीर बन सकता है. आइए बताते हैं पूरा मामला.
लड़की को 1653 दिन के लिए भेजा गया जेल
बता दें कि बरेली की एक लड़की ने लड़के पर रेप का झूठा आरोप लगाया था. लड़की की मां ने साल 2019 में बेटी से दुष्कर्म का आरोप लगाया था. जांच में ये गलत साबित हुआ. इसके बाद कोर्ट ने युवती को कड़ी सजा सुनाई है. कोर्ट ने युवक को बरी कर दिया है. वहीं, झूठा आरोप लगाने वाली युवती को न्यायालय ने 1653 दिन के लिए जेल भेज दिया है.
देना होगा हर्जाना
दरअसल, 1653 दिन इसलिए क्योंकि इतने ही दिन की सजा बेगुनाह लड़के ने भुगती थी. कारावास के अलावा कोर्ट ने युवती पर अर्थ दंड भी लगाया है. कोर्ट के आदेश के तहत युवती को अब पीड़ित युवक को 5,88,822 रु. बतौर हर्जाना देना होगा.
जानिए कोर्ट ने क्या कहा
आरोप गलत साबित होने पर जस्टिस ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने सख्त टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा, ‘अनुचित लाभ लेने वाली महिलाओं को पुरुषों के हितों पर आघात करने की छूट नहीं दी जा सकती है. दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध में फंसाने के लिए युवती ने जो झूठ बोला वह महिला सुरक्षा के लिए बने कानून का दुरुपयोग है. युवती ने अपने अवैध उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पुलिस और कोर्ट को माध्यम बनाना ये कृत्य बेहद आपत्तिजनक है. ऐसे में उसे बराबरी की सजा भुगतने के साथ जुर्माना भी भरना होगा. ‘
बेगुनाह युवक को साल 2019 से 24 तक रहना पड़ा जेल
बता दें कि रेप का झूठा आरोप लगाने वाली लड़की की मां ने लगभग 5 साल पहले 2019 में बरेली निवासी एक युवक के खिलाफ बेटी से दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था. लड़की का बयान दर्ज कर पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इसके बाद कोरोना महामारी आई, तो सभी चीजें ठप पड़ गईं. एक दिन सुनवाई के दौरान लड़की अपने बयान से पलट गई. जांच में पुलिस और कोर्ट के सामने दिए गए लड़की के पहले के बयान झूठे पाए गए. इस बीच बेगुनाह युवक को साल 2019 से 8 अप्रैल 24 तक जेल में रहना पड़ा. इसके बाद कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है.