United Nations on Palestine: फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनाने के लिए 10 मई को मतदान हुआ. इस दौरान फिलिस्तीन को पूर्ण सदस्य बनाए जाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत समेत कुल 143 सदस्यों ने समर्थन में वोट किया. जबकि, अमरिका, इजराइल समेत 9 देशनों ने विरोध में मत किया. वहीं, 25 देश वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहें. हालांकि, फिलिस्तीन अभी पूर्ण सदस्य नहीं बना है, सिर्फ इसके लिए क्वालीफाई कर पाया है.
सुरक्षा परिषद लेगी फैसला
दरअसल, भारत समेत 143 देशों ने UNGA के प्रस्ताव के मसौदे के पक्ष में वोटिंग करते हुए पूर्ण सदस्यता का समर्थन किया है. शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में मिले समर्थन को फिलिस्तीनियों के लिए दुनिया में बढ़ रहे समर्थन के रूप में देखा जा रहा है. लेकिन संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता का फैसला सुरक्षा परिषद ही लेती है. लेकिन माना जा रहा है कि अमेरिका फिलिस्तीन की सदस्यता के प्रयास को वीटो कर देगा. क्योंकि, अमेरिका ने पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा में इसी तरह के प्रस्ताव को वीटो कर दिया था.
Today, the General Assembly has spoken loudly and clearly, and adopted a resolution:
➡️determining that the State of Palestine is qualified for membership in the UN in accordance with article 4 of the Charter and should be admitted in the @UN.
➡️recommending the Security… pic.twitter.com/yZlYezEqaT
— UN GA President (@UN_PGA) May 10, 2024
सुरक्षा परिषद फिर करे विचार
भारत समेत 143 देशों ने UNGA के प्रस्ताव के मसौदे के पक्ष में वोटिंग करते हुए फिलिस्तीन को सदस्य बनने योग्य माना है. रिजोल्यूशन ने निर्धारित किया कि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद 4 के मुताबिक फिलिस्तीन संयुक्त राष्ट्र में सदस्यता के लिए योग्य है और इसलिए उसे यूएन का सदस्य बनाना चाहिए. इसने सिफारिश की कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद फिलिस्तीन की सदस्यता पर फिर विचार करे.
जानिए क्या बोले फिलिस्तीन के राजदूत
संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के राजदूत रियाद मंसूर ने मतदान से पहले महासभा को बताया था, “हम शांति चाहते हैं, हम आजादी चाहते हैं. हां का वोट फ़िलिस्तीनी अस्तित्व के लिए है, यह किसी राज्य के खिलाफ नहीं है. यह शांति के लिए है.” फिलिस्तीन के राजदूत रियाद मंसूर बोलने के बाद संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के राजदूत गिलाद एर्दान ने वोटिंग की निंदा की और कहा, “संयुक्त राष्ट्र अब ‘आतंकवादियों’ का स्वागत कर रहा है. इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा, “जब तक आप में से बहुत से लोग ‘यहूदी-घृणा’ कर रहे हैं, तब तक आपको वास्तव में परवाह नहीं है कि फिलिस्तीनी ‘शांति-प्रेमी’ नहीं हैं. UN की स्थापना इसलिए की गई थी ताकि दुनिया में कोई भी अत्याचारी (नाजी) अपना सर न उठा पाए. आज इसका बिल्कुल उलटा हो रहा है. एक आतंकवादी राज्य को बढ़ावा दिया जा रहा है.”