आखिर दुनिया भगवान को भगवान ही क्यों पुकारती है, जानिए इसका फुल-फॉर्म
भगवान की आस्था में पूरी दुनिया डूबी रहती है. भगवान संसार के कण-कण में वास करते हैं.
सुख-दुख हर क्षण में भगवान का नाम लिया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि आखिर भगवान को भगवान नाम से ही क्यों पुकारा जाता है?
दरअसल, भगवान नाम में पंचतत्व समाहित हैं. भ, ग, अ, व और न अक्षरों से मिलकर भगवान नाम बना है.
इन्हीं पांच अक्षरों से पंचतत्वों के भी नाम शुरू होते हैं. जिस प्रकार दुनिया की संरचना (भूमि, गगन, वायु, आग, नीर) पंचतत्वों से मिलकर हुई है.
ठीक वैसे ही भगवान शब्द भी इन्हीं पंचतत्वों से जुड़ा है. (भ - भूमि, ग - गगन, व - वायु, आ - आग, न - नीर).
मनुष्य का निर्माण भी इन्हीं पंचतत्वों से हुआ है. मृत्यु के बाद मनुष्य इन पंचतत्वों में विलीन हो जाता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)