Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार के दो दिवसीय दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (13 मई) को पटना सिटी का दौरा कर तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब पहुंचकर दशमेश पिता गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के दरबार में मत्था टेका. वहीं, इससे पहले उन्होंने ने काउंटर से प्रसाद लिया.
इस मौके पर पीएम मोदी ने देश की तरक्की और खुशहाली को लेकर जहां गुरु महाराज से प्रार्थना की और मनोकामना मांगी. वहीं लोकसभा चुनाव में एनडीए की शानदार जीत को लेकर भी दुआएं मांगी.
प्रधानमंत्री मोदी को गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सिरोपा भेंट कर उन्हें सम्मानित किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने गुरु महाराज से जुड़ी हुई स्मृतियों का जहां दर्शन किया, वहीं इस संबंध में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों से विशेष जानकारी भी प्राप्त की.
पीएम मोदी ने पूरे भक्ति भाव के साथ गुरु महाराज का प्रसाद भी चखा. सिर पर भगवा पगड़ी बांधे पीएम मोदी बेहद प्रसन्नचित्र नजर आएं.
इस दौरान पीएम मोदी तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के लंगर हॉल भी गए, जहां उन्होंने लंगर तैयार किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने रोटियां भी बेली.
वहीं, इस दौरान पीएम मोदी ने सिख संगतो के बीच लंगर भी परोसा. पीएम मोदी की इस सादगी को देखकर सिख संगतों में खासा उत्साह दिखा.
पीएम मोदी ने तख्त श्री हरिमंदिर जी गुरूद्वारे में लंगर तैयार करने में सहयोग किया. इस दौरान वहां मौजूद लोग उनकी इस सादगी से काफी उत्साहित नजर आएं. पीएम मोदी ने खुद बाल्टी लेकर लोगों के बीच लंगर परोसकर.
इस दौरान अपने दोनों हाथ जोड़कर पीएम मोदी ने सिख संगतों का अभिवादन किया. लगभग 20 मिनट तक गुरु महाराज के द्वार पर समय बीताने के बाद पीएम का काफिला पटना एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गया.
बता दें, पीएम मोदी के आगमन को लेकर पुलिस प्रशासन चौकस रहा. गुरुद्वारा और आसपास के इलाके को सील कर दिया गया था. इन इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए थे और एनएसजी के कमांडो भी मौके पर मौजूद थे. प्रधानमंत्री मरीन ड्राइव के रास्ते पहुंचे थे.
पीएम मोदी ने पूरे भक्ति भाव के साथ गुरु महाराज का प्रसाद भी चखा. सर पर भगवा पगड़ी बांधे पीएम बेहद उत्साहित दिखे.
तख्त श्री पटना साहिब को तख्त श्री हरिमंदिर जी, पटना साहिब के नाम से भी जाना जाता है, जो सिखों के पांच तख्तों में से एक है. गुरु गोविंद सिंह के जन्मस्थान के रूप में इस तख्त का निर्माण 18वीं शताब्दी में महाराजा रणजीत सिंह द्वारा करवाया गया था.
सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह का जन्म 1666 में पटना में हुआ था. उन्होंने आनंदपुर साहिब जाने से पहले अपने प्रारंभिक वर्ष यहीं बिताए थे.
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