Solar Flares 2024: इन दिनों सूर्य की सतह पर लगातार धमाके हो रहे है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने इन सौर धमाकों की तस्वीरें भी साझा की है. नासा ने एक बयान जारी कर बताया है कि सूर्य ने हाल ही में दो मजबूत सौर ज्वालाएं उत्सर्जित की, जिसकी तस्वीरें नासा की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी ने कैद कर ली है.
नासा ने बताया कि जब इन सौर तूफानों का प्रभाव पृथ्वी पर पड़ा तो बेहद खूबसूरत नजारा देखने को मिली. पूरे आसमान में रंग-बिरंगी रोशनी छा गई. उत्तरी यूरोप से लेकर ऑस्ट्रेलिया और भारत के भी कई इलाकों में ऑरोरा लाइट्स देखने को मिली.
इंफ्रास्ट्रक्चर का खतरा
अमेरिकी एजेंसी ने कहा कि इस तूफान की वजह से खूबसूरती अपनी जगह है, लेकिन इससे धरती के तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर को खतरा पैदा हो सकता है. उन्होंने कहा कि जियोमैग्नेटिक तूफानों के चलते मैग्नेटिक फील्ड में फ्लक्चुएशन होता है, जिससे पावर ग्रिड, कम्युनिकेशन नेटवर्क और सैटेलाइट ऑपरेशन बाधित हो सकते हैं.
क्या होता है आरोरा लाइट्स
सूर्य पर हो रहे धमाकों से निकले सोलर फ्लेयर्स की तस्वीर नासा ने अपने X हैंडल NASA Sun & Space पर शेयर किया है. सूर्य से निकलने वाली सौर ज्वालाओं की हालिया सीरीज दुनिया भर में चमकदार रंग-बिरंगी रोशनी उत्पन्न कर रही है. बता दें कि इन रंग बिरगें रोशनी को ‘ऑरोरा लाइट्स’ कहा जाता है.जबकि सोलर फ्लेयर या सौर ज्वालाएं सूर्य की सतह पर होने वाले विशाल धमाकों को कहते हैं.
लेटर एनर्जी आउटपुट में 10 गुना की बढ़त
बता दें कि सबसे बड़े सोलर फ्लेयर्स को ‘एक्स-क्लास फ्लेयर्स’ कहा जाता है. जबकि सबसे छोटे सोलर फ्लेयर्स A-class कहलाते हैं. जैसे भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल होता है,वैसे ही सौर ज्वालाओं के लिए लेटर सिस्टम होता है. हर लेटर एनर्जी आउटपुट में 10 गुना बढ़त को दिखाता है.
धरती पर आ सकता है तूफान
NASA के मुताबिक, सौर ज्वालाओं के चलते एक बिलियन हाइड्रोजन बमों जितनी ऊर्जा पैदा हो सकती है. ऐसे में यदि ये सभी पृथ्वी की तरफ आए तो रेडियेशन तूफान ला सकती है. इससे सैटेलाइट्स, कम्युनिकेशंस सिस्टम समेत ग्राउंड-बेस्ड तकनीकों और पावर ग्रिड्स को भी नुकसान हो सकता है.
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