India-Iran Chabahar Port Deal: ईरान के चाबहार पोर्ट डील पर बौखलाया अमेरिका, भारत को दी धमकी!

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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India-Iran Chabahar Port Deal: भारत और ईरान के बीच सोमवार को चाबहार बंदरगाह को लेकर डील फाइनल हो गई है. ईरान के साथ व्यापारिक समझौता होने के बाद अमेरिका बौखला गया है. अमेरिकी विदेश विभाग के उप-प्रवक्ता वेदांत पेटल से सोमवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान चाबहार पोर्ट की डील पर सवाल किया गया. उन्होंने भारत का नाम लिए बिना ही धमकी दी और कहा कि ईरान से व्यापार करने की वजह से भारत पर पाबंदियों का खतरा रहेगा.

ईरान से व्यापार बढ़ाया तो बैन का खतरा

भारतीय मूल के अमेरिकी प्रवक्‍ता वेदांत पटेल ने सोमवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान चाबहार पोर्ट की डील पर सवाल किया गया. उन्होंने कहा कि “हमें जानकारी मिली है कि ईरान और भारत ने चाबहार बंदरगाह से जुड़े एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. विदेश नीतियों और दूसरे देशों के साथ अपने रिश्तों पर भारत खुद फैसले करेगा, लेकिन जो भी देश ईरान के साथ व्यापार में शामिल होगा, उस पर प्रतिबंध लगने का खतरा बना रहेगा.”

जागरूक रहने की जरूरत

वेदांत पटेल ने आगे कहा, ‘हम उन रिपोर्टों से अवगत हैं कि ईरान और भारत ने चाबहार बंदरगाह के संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, हम भारत सरकार को अपनी विदेश नीति के लक्ष्यों, चाबहार बंदरगाह के साथ-साथ ईरान से उसके द्विपक्षीय संबंधों के बारे में बात करने देंगे. हालांकि, ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू हैं और वाशिंगटन डीसी उन्हें लागू रखेगा. कोई भी इकाई, कोई भी शख्स जो ईरान के साथ व्यापारिक सौदे पर विचार कर रहा है, उन्हें प्रतिबंधों के संभावित जोखिम के बारे में जागरूक रहने की जरूरत है.

10 साल के लिए मिला चाबहार पोर्ट

बता दें कि बीते सोमवार को ईरान के चाबहार में शाहिद बेहेशती पोर्ट को 10 साल के लिए लीज पर लेने से जुड़ी डील की. इस डील के लिए भारतीय केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ईरान गए थे. पिछले दो दशक से भारत और ईरान चाबहार पर काम कर रहे हैं. इस डील के बाद अब पोर्ट का पूरा मैनेजमेंट भारत के पास होगा. चाबहार पोर्ट के जरिए भारत को अफगानिस्तान और सेंट्रल एशिया से व्यापार करने के लिए नया रूट मिल जाएगा.

चाबहार पोर्ट भारत के लिए क्यों जरुरी?

दरअसल, भारत दुनियाभर में अपने व्यापार को बढ़ाना चाहता है. इसके लिए चाबहार पोर्ट अहम भूमिका निभा सकता है. भारत इस पोर्ट की मदद से ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के साथ सीधे व्यापार कर सकता है. बताते चले कि ईरान और भारत ने 2018 में चाबहार पोर्ट तैयार करने का समझौता किया था. पहले भारत से अफगानिस्तान कोई भी माल भेजने के लिए उसे पाकिस्तान से गुजरना होता था. लेकिन अब इस डील से पाकिस्तान की जरूरत भी खत्म हो जाएगी.

ज्ञात हो कि चाबहार डील के तहत भारतीय कंपनी इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) चाबहार पोर्ट में 120 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी. इस निवेश के अतिरिक्त 250 मिलियन डॉलर की वित्तीय मदद की जाएगी.

जानिए क्यों बौखलाया अमेरिका

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ईरान पर लगभग सभी व्यापार पर प्रतिबंध लगा चुका है. अमेरिकी सरकार द्वारा देश में ईरान की सारी संपत्तियों को भी ब्लॉक कर दिया गया है. साथ ही अमेरिका ने सहयोगियों देशों को भी ईरान की सहायता करने और हथियार की ब्रिकी करने से रोक लगा रखा है. अमेरिका की तरफ से ये पाबंदी मानवाधिकारों का उल्लंघन और आतंकी संगठनों को समर्थन देने की वजह से लगाई हैं.

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