Elephant’s Foot: दुनिया का सबसे खतरनाक पदार्थ, देखने मात्र से जा सकती है जान

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Dangerous Object: आप सभी ने ऐसे पदार्थ के बारे में तो सुना ही होगा जिसके सेवन करने से लोगों की जान चली जाती है, लेकिन क्‍या आपने ऐसे भी पदार्थ के बारे में सुना और जाना है जिसे देखने मात्र से ही लोगों की मौत हो जाती है. यह सुनकर बेसक ही आपको हैरानी हुई होगी लेकिन ये सच है.

दरअसल यह एक ऐसा पदार्थ है, जिसके पास महज 5 मिनट ही रहने से आपकी जान जा सकती है. बता दें कि इस खतरनाक पदार्थ को  Elephant’s Foot के नाम से जाना जाता है. यह शर्नोबिल न्यूक्लियर रिएक्टर के पिघले कोर से बना ठोस हो चुका लावा है. इसकी चौड़ाई लगभग 2 मीटर है. वहीं, इस  से निकलने वाला रेडिएशन काफी इंटेंस है, जिसके कारण इसकी काफी कम तस्वीरें ली जा सकी हैं.

Dangerous Object: 40 साल बाद भी प्रभाव…

आपको बता दें कि 26 अप्रैल 1986  को शर्नोबिल आपदा की शुरुआत हुई थी जब इसके चार नंबर पावर प्लांट में विस्फोट हुआ था. यह विस्‍फोट इतना भयावह था कि 40 साल बाद भी इसका प्रभाव बना हुआ है. कहा जाता है कि न्यूक्लियर रिएक्टर के जिस कमरे में यह एलीफेंट्स फुट है उस कमरे में जाना आज भी मौत को दावत देने जैसा है.

सदियों तक बना रह सकता है खतरा

वहीं, वैज्ञानिकों का कहना है कि यह खतरा अभी कई सदियों तक बना रह सकता है. दरअसल, जब य‍ह विस्फोट हुआ था तब इमरजेंसी शटडाउन प्रोसीजर फेल होने से कोर का तापमान काफी ज्‍यादा बढ़ गया था ऐसे में रिएक्शन धीमी करने के लिए जब तक कंट्रोल रॉड को कोर में डाला गया तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

चैंबर बना दुनिया की सबसे खतरनाक जगह

इसके बाद कूलिंग वाटर जल्द ही भाप में बदल गया, जिससे प्रेशर इतना बढ़ गया कि रिएक्टर में विस्फोट हो गया. फिर एक इमरजेंसी टीम ने रेडिएशन को कंटेन करने का काम शुरू किया. इस दौरान उन्हें उन्‍हें एक चैंबर के बारे में पता चला जो रिएक्टर के नीचे स्थित था. जिसे लेकर कहा गया कि दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों में से एक बन चुका है.

बता दें कि रिएक्टर इतना गर्म हो गया था कि कोर की सुरक्षा के लिए लगी स्टील और कंक्रीट पिघल कर रेडियोएक्टिव लावा में बदल गए थे. वहीं, रेत, कंक्रीट और न्यूक्लियर फ्यूल का यह मिक्सचर ठंडा होने के बाद ठोस होकर एक नए मैटीरियल ‘कोरियम’ में बदल गया था.

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